आने दो कोई भी तूफान सबको झेल जाऊंगा औऱ मैं क्या कोई कायर हूँ जो इन तूफानों से डर जाऊंगा मैं तो वो हूँ जो इस तूफान में खाना न मिले पर फिर भी घास नही खाऊंगा तुम्हे क्या लगता है मैं इतने छोटे मोटे तूफानों से यूँही डर जाऊंगा अरे अगर मैं इन तूफानों से डरने लग गया तो मैं जंगल का राजा कैसे कहलाऊंगा।। राजा हूँ मैं राजा तो हर एक मुश्किल पार करके आ जाऊँगा।। तूफान तो आते ही रहते है यहां अगर मैं इनसे भागने लग गया तो मैं शेर कैसे कहलाऊंगा।। आने तो दो किसी भी तूफान को मैं अकेला ही झेल जाऊंगा ।।