सच्चा प्रेम आसानी से नहीं मिलता है
जो बिक जाये वो प्रेम कहाँ होता है
राधा मुरत है सच्चे प्रेम की तभी तो
हर युग में उनका इन्तज़ार होता है।-
माना शहरों में दिल बहलाने के तरीक़े हज़ार है,
पर हमें तो पहाड़ों की वादियों से प्यार है।-
✍️🎂✨विलम्बित जन्मदिन मुबारक हो आपको ऋषिका जी
(१२ जून २०२०, शुक्रवार)✨🎂✍️
ऐसा है कि मुझे पता नहीं था ये दिन!
माफ करना मुझे, न खता कभी आप होना। ...............(१.१)
कल ही पता चला यूँ अचानक कि
खुशी हुई तो अब स्वीकार है देर माफ होना। ✍️...✨(१.२)
✨
देर थे तो कुछ सूझा नहीं तत्काल,
जो कल लिखते मुबारकबाद में हम। ............(२.१)
देर से ही सही एक दिन बाद यहीं
चंद शब्द लिखने तैयार हुए कलम। ✍️...✨(२.२)
मुस्कान मुखडों पे रख हँसने का मौका दें हमें।
यूँ शांति एवं चुप्पी से न कभी चौंका दें हमें। ✍️...✨(३)
आपके उज्ज्वल भविष्य एवं बेहतर
सेहत की चाहत सदा रहेगी हमारी। ...........(४.१)
कर्तव्य पथ में अग्रगामी हों आप तो
देखते ही बनेगी आँखों से वह सारी। ✍️...✨(४.२)
चाहे घड़ी दुख की हो या सुख,
आब-ए-चश्म तो आते ही हैं आँखों से। ...........................(५.१)
बस खुशी है इसे यूँ जाहिर करना था कि आप
सहेज रखना इन्हें कर मरम्मत गर्म सलाखों से। ✍️...✨(५.२)
लोगों के दिलों में अपने संस्कारी गुणों एवं
इज्जत से क्या खूब जगह बनाया है आपने! ..................(६.१)
काबिलेतारीफ है वह बेशक कि तारीफें
बहुतों को न आज तक कभी बताया है आपने! ✍️...✨(६.२)-
कुछ अच्छी तो कुछ
बुरी आदतें हैं हमारी,
पर जो दरवाज़े के सामने जूते चप्पल
निकालकर कमरे में आये हम वो हैं पहाड़ी।-
कुछ यूँ हमारा मिलना हो जैसे देवप्रयाग में अलकनंदा
मिलती वो भागीरथी से और फिर जाती गंगा.....-
Why I will come back to this city
Because I need to find myself again
- notyet100-
ठंडी हवाओं में, ठंडी सी शाम में..
नदी किनारे बैठी मैं खुद की ही तलाश में थी;
आंखे बंद की दो पल,तेरा चेहरा याद आया..
फिर खुद को भूल गए,आंखे खुली तो पाया;
मेरी नज़रे तो सिर्फ़ तेरी ही तलाश में थी।-
His smile is like cherry on the cake
Always catching the focus.💚-
Yaad hai, kaise hum mile the?
Kisi ek ke rishte ne, kaise sabhi ko milwaya tha.
Kis kadar hum pehle vodka shots pe dil khola karte the,
Aur phir chai ki pyaliyo par dil bahana seekh liya.
Aaj bhi yaad hai mujhe woh pehli baar jab humne sath kisi ek ka birthday manaya tha,
Yaad hai mujhe, kaise aadhi raat ko university gate pe humne photo khichaya tha.
Kya dhoodh, kya sabzi, kya kitaabe, kya aata,
Har cheez sath khareedne jo jaate the.
Kabhi D block mein khate, toh kabhi Dominos ke pizza pe paise bahate.
Koi ek bimar hota toh sab usse ek ek niwala khilate.
Koi exam ke liye padhe aur fir sabko baithke samjhaye.
Kaise hum har pal, sath rehne ka bahana dhoonda karte the.
Kabhi sath mein khana pakate, kabhi lajpat nagar ke momo khaane jaate,
Kabhi bikes pe ghuma karte, toh kabhi bus pakadke safar pe nikal jaate.
Kabhi haste, kabhi rote, kabhi chidhte, kabhi chidhate;
Gussa bhi karte aur fir ek dusre ko manate.
Ye kaisi mohobbat thi, ye kaisa ishq tha.
Laafani sa hai, tera, mera, hum sab ka yaarana..-
हाँ मैं पहाड़ी हूँ
हिम की धरा मैं रहने वाला ,
धोती -कुर्ता , टीका , शान मेरी
तिरक्षी , श्वेत , टोपी
सिर पर विराजमान मेरी ।
अवतरित देव रूह -रूह में
निष्पक्ष न्याय करने वाला ,
जननी देव ऋषियों की
भूमि मैं रहने वाला
पवित्र गंगा की तरह बहने वाला ।
हिमालय के शिखर की तरह वर्चस्व मेरा,
नैनीताल जैसी अलकल्पनीय गहराई मुझमें
ह्रदय से सौम्य, सरल, स्वभाव मेरा ।
चट्टानों जैसा अडिग, निडर मैं
उपजित इस धरती का श्रृंगार
मेरे ही लहू से,
लाखों पग रास्ता नापने वाला ।
हाँ मैं पहाड़ी हूँ !-