अपनी तन्हाई को इतना भी महंगा मत बनाओ
जब भी मन करे ख़ुद को भी बहलाओ
सुनो ख़ुद को भी कभी, ख़ुद से भी दिल लगाओ
ख़ुद के लिए भी कभी चाय बनाओ।
- notyet100-
Just grateful for all the quiet things
sometimes it’s okay to just be grateful..-
मिट्टी की खुशबू के तरह
उस बारिश के बाद
जिसे हम ख़ुद में रखते है
कभी कभी काग़ज़ पर
बरसने के लिए।
कुछ यादों को
हम ऐसे सजाते है
पन्नो पर।-
चलते चलते जब तुम थक जाओ
तो कुछ देर बैठना और फिर से उठना
रुकना पर ठहरना नहीं
उठकर फिर से चलना
अपने सपनों को फिर से रंगना
- notyet100-
कुछ धुंधला सा
जैसे वो पन्ना खो गया हो कहीं
कुछ यादें
कुछ ऐसे हमे अलविदा कह गई-
वो जो हम ढूढ़ने निकले ख़ुद को
ख़ुद सा कोई मुझे मिल गया
और सफ़र कुछ सुकून सा हो गया।
- notyet100
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तुम बैठोगे पास मेरे तो एक कहानी सुनोगे
यादों में लिपटी हुई थोड़ी ठहरी हुई
तुम ढूँढोगे शायद मुझे बाद में कभी
आज बैठो मेरे पास और सुनो वो बात
जो अभी ख़त्म नहीं हुई।
- notyet100-
When we drink coffee alone we read our life quietly we walk back in those stories we become a wanderer and we collect again those memories..
Notyet100-
शाम एक अंत के तरह
एक सवाल के तरह
उस शोर से पूछो
कहाँ रुकता है वो
जब रात के बादल
ढक देते है चाँद को
उस समुंदर से पूछो
कहा दफ़नाता है वो
उन सपनों को
- notyet100-