तुमको लिखना इतना मुश्किल न था कभी
पर ना जाने क्यूँ अब लिखे नहीं जाते हो
भाव बढ़ गये हैं तुम्हारे एहसासों के... या
अब चाहते ही नहीं हो के तुम्हें उतारा जाये पन्नों पर
कुछ तो मसला है, कोई तो वजह है जो
शब्द मेरे रूठे से रहने लगे हैं तुमसे
ना जाने क्या तोड़ा है मैंने, या नज़रअंदाज़ किया है
जो सामने हो कर भी मुझको वजह दिखती नहीं
ना लिखने की 💔
तुम कहते हो आ जायेगा लिखना,
हम कहते हैं मुमकिन ही नही अब..
❤️
ना जाने मेरे शब्दों की मणि कौन ले गया,
जो रौशनी होते हुए भी मुझे दिखता नहीं अब....
सुनो ❤️ लौटा दो न
वो मेरे खनकते शब्दों की आवाज़
जो अरसों से बेजुबां पड़े हैं।।
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जरुरी नहीं कि इश्क़ में
Messenger का ही सहारा मिलें....
किसी को जी भर के Like
Comments कर लेना भी इश्क़ है.-
सुनो
मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट फिर से ला सकती हो क्या
तुम मुझे मिलने लखनऊ आ सकती हो क्या
😉😍-
कबूतर भी है,, चिट्ठी 💌भी है...
.. बस,,उसका Address ही नहीं है..-
"वक्त की कद्र नहीं करते हम,
और साल का ख्याल रखते हैं ll
जड की कद्र नहीं करते हम,
और डाल का ख्याल रखते हैं ll"
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यारों!
कुछ तो हाल सुनाओ उसकी कयामत बाहों का...
वो जो उनमें सिमटते होंगे वो तो मर जाते होंगे...-
सुनो,
ये जो तुम और सुनाओ और सुनाओ कहती हो ना,
कसम से दिल की बातें होंठ पर आजाती है-
ताजा सर्वे के अनुसार 88% लोग मेरी पोस्ट से संतुष्ट है
बाकी बचे 12% लोग तो अपने जन्म से ही संतुष्ट नही है-
याद तो तुम्हे आएगी मेरी….
जब तुम वही सब,
किसी और के साथ दोहराओगे….!
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