QUOTES ON #RAVANVANI

#ravanvani quotes

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26 AUG 2021 AT 17:18

क्या पुतला जलाकर तेरा पाप मिटेगा
या भेष बदलकर तू वो राम बनेगा
वर्षो से जला हूँ जलता रहूँगा
और तेरे ही भीतर मै जिन्दा रहूँगा

मै ब्राह्मण, मै ज्ञानी और वेदो का ज्ञाता
बता मुझमे घमंड भला कैसे न आता
तेरे हर ज्ञान से तुझे मै वंचित रखूँगा
फिर उसी अज्ञानता में जिन्दा रहूँगा

हाँ सीता का मैने हरण किया था
भयभीत था मै न उनको छुआ था
तेरे कामना को अब वश में करूँगा
और उसी वासना में जिन्दा रहूँगा

तू क्रूर तू पापी तू धूर्त है हे मानव
अगर मै हूँ रावण तो तू भी है दानव
तेरे इसी कुकर्म मे जिन्दा रहूँगा
जला दे तू इनको मै खुद ही मरूँगा

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9 JUN 2021 AT 13:09

Ravan ko galat bolne wale
Uski achhai kaha ginayenge
Khud Ram hai kya
Jo humko mitayenge
Hote agar sachhe bhakt Ram k
To unke adarshon pe chalte
Hum bhakt hai Ravan k
Kitni bhi burai ho hum mein
Magar aanch ayi agar samman pe
To bhagwan se bhi lad jayenge

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7 JUN 2021 AT 22:14

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16 OCT 2021 AT 7:07

हजारों इंशान निकलते
तेरी तलाश में बाबा
दर्शन तूने रावण को ही दिया

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15 OCT 2021 AT 14:54

कपटी, काल का प्रतीक, मायावी, घमंडी लंकेश बुलाते हो मुझे
तो ध्यान से सुन लो कलयुग के मूर्खों
की वेद शास्त्रों का ज्ञानी मैं
महाकाल के चरणों में अपना रक्त बहाता सावन हूं
और तुम मेरी बुराई करो
इतनी तुम्हारी औकात ही कहां
और जानते हो कौन हूं मैं
अरे मैं त्रेतायुग का राक्षस भी कलयुग से ज्यादा पावन हूं
मैं तेज़ पताका, जलती ज्वाला शिव भक्त मैं रावण हूं
मैं रावण हूं
मैं रावण हूं
मैं रावण हूं

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22 MAY 2020 AT 17:47

-: रावण वाणी :-

कि अपने झूठे स्वभिमान का सम्मान
लोग सदियों से करते आ रहे हैं...
जो खुद अपने हाथों से इज्ज़त उतारते हैं
वो आज मेरे पुतले जला रहे हैं...!!

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15 OCT 2021 AT 21:03

रावण अपनों से हारा था
ये बात दिल से लगाए बैठा हूं
इसलिए मैं अपने सारे राज़
अपनों से छुपाए बैठा हूं

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15 OCT 2021 AT 14:40

मेरे दिए गए जवाबों में मौत के बाद भी दर्द होता है
क्योंकि बेटा किस्से और कहानी में फर्क होता है
मुझ रावण की चिता बारिश ने बुझा दी
मैं उठा लेकिन इस संसार ने किस्से और कहानियों में मेरी हार दफनादी
अब खुद के लिखे इतिहास पे घमंड रखता हूं
मैं रावण हूं मेरी जान, अब खुद को सर्व प्रथम रखता हूं
वेदों को घोट के पीने वाला मैं रावण हूं
मैं महाकाल का भक्त तुम सब से पावन हूं
और मैं सीधा अंत करता हूं, कभी पहल नहीं
खुद को साफ समझने वालों, तुम मुझ रावण के हाथ का मैल नहीं
अब इतना ज्ञानी हूं तो अभिमान करना बनता है
ये गुरूर और घमंड सिर्फ मुझ रावण पर जचता है
और जब भोलेनाथ के लिए मैंने शिव तांडव गया था
तब महाकाल ने खुद अपना चंद्रहस्त मेरे हाथ में थमाया था
और तीनों लोक में सब रावण नाम से डरते है
क्योंकि बजाए खून के मेरी रगों में खुद महाकाल चलते है

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22 MAY 2020 AT 6:38

-: रावण वाणी :-

कुछ के लिए बुरा तो कुछ के लिए
ताकत और क्षमता हूं...
हाँ...मैं वही रावण हूं जो आज भी
अपनी बहन की सुनता हूं...!!

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15 OCT 2021 AT 15:32

हा मैं वहीं हूं
जो काम, क्रोध, भोग, विलास, वासना के नशे में चूर रहता है
जो अपने अहंकार और घमंड में भी भगवान को आंख दिखाता है
क्योंकि बेटा ये सब सिर्फ़ मुझ रावण पर जचता है
और फिर कहता हूं
लिबाज़ काला आवाज़ काली
मैं अंधेरे का प्रतीक हूं
तुम सब राम बन जाओ
मैं रावण ही ठीक हूं

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