ख्वाव-ए-माफ़ी नामा...
यूँ समझो की मोहब्बते-ए-इख्लाख़ बयाँ कर रहा हूँ...
प्यार की वो दास्ताँ महफ़ूज है, मेरे अस्कों के दरया में...।।
गलतियाँ की है मैने... 🙏🙏
दुनयावी माफ़ी माँगी है,,, अब रूहानी माफ़ी माफ कर दो..।।
ये ख्वाव सा पूरा होता दिखेगा,, ख़ुशी उतनी ही होगी..
तुम्हारे माफ़ करने से... ये ख्वाव सा होगा मेरा..।।
तुमसे इश्क़ का जनून कुछ इस क़दर है..
पाक़ मंजर भी बदनसीब होगा तुम सा कोई सामिल ना होने से...।।
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