नशे में तू शराब है
फूल में तू गुलाब है
और जिसको पाना चाहूँ मैं
तू वो खिताब है-
और
दिल की बातों को जुबां तक लाना
बस इतना ही आता है🤗
मैंने दिल का तुझे ख्याल लिखा
मैंने इश्क़ का तुझे सवाल लिखा
मैंने जब जब तेरा जिक्र लिखा
मैंने मोहब्बत की तुझे मिसाल लिखा-
तेरी यादों ने किस कदर सताया है
ये दर्द मैंने किसी को भी ना बताया है-
तू तो चला गया मुझे तबाह करके
बहुत पछताई हूँ तुझे चाह करके
बस यही सोचती हूँ दिन रात कि
क्या मिला खुदा को तुझे मुझसे जुदा करके-
अपने जज़्बातों को मैंने आज फिर कोरे कागज़ पर खोल दिया है
आज मैंने फिर अपनी कलम से अपने दिल का हाल बोल दिया है
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जिसे पाया नही उसे खोने से डरता है दिल
ना जाने क्यों ऐसी गुस्ताख़ी करता है दिल
और जिसे फर्क ही नही पड़ता मेरे होने न होने से
ना जाने क्यों सिर्फ उसी पर मरता है ये दिल-
जान मैं तेरा खयाल करती हूं
इसलिए तो इतने सवाल करती हूं
देख नही सकती तुझे किसी और के साथ
इसलिए तो इतने बवाल करती हूं-
हाये उनके झूठे वादे,प्यारी बाते
काटते है जाग कर हम अपनी राते
अरे मेरी जान और कितना सताओगे हमे
आखिर तुम मेरी जिंदगी से चले क्यों नही जाते-
बता ना आखिर तेरे दिल मे क्या फरियाद है
तेरी आँखों मे कोई ना कोई तो बात है
और ख्वाइश तो थी तुझे दिल मे समाने की
मगर मेरी जान तू अपनी जिद के कारण आजाद है
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बस एक वही शख्स मुझे अपना लगता है
और उसे पाना भी एक सपना लगता है-