🌻 मुझे ना किसी के साथ हंसना है 🙅
🙅 ना किसी के साथ रोना है 😢
♥ ना किसी को पाना है 🙌
😔 ना किसी को खोना है 💔
👻मुझे तो बस खुद का होना है😇
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15 JUL 2020 AT 13:19
13 JUL 2019 AT 6:55
एक संदूक रखी थी अंदर बहुत अंदर,
सबकी नजर से दूर उसके अंतर्मन में,
चुपके से खुलकर कभी आँसू झलकाती,
कभी बिखेरती कुछ खुशियों के मोती,
कर देती उसे फिर तैयार लड़ने को,
वर्तमान परिस्थितियों से जूझने को,
पहले से मजबूत, आत्मविश्वास लिए
कमरकस कर फिर वह खड़ी हो जाती,
अपनी पहाड़ सी परेशानियों के सामने,
स्वयं उनसे भी बड़ी एक चट्टान बनकर...-
18 APR 2020 AT 23:02
ये कैसी आरज़ू ?
वो कहते हैं कि -
ये वा-एज़-वफादारी आज ही ना भुला देना!
हम तुम्हें जख़्म देंगें , तुम हमें गज़ल देना!
😒😔😾
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