फ़ख़्र महसूस करेंगे कर रावण का दहन,
पाप का अंत होगा कब तक चलेगा ये वहम।
आजकल चारों ओर जीते जागते जो रावण हैं,
इनके आगे फ़ीके महिषासुर जैसे दानव हैं।
ख़ुद के पापों का दहन नहीं कर उसे संरक्षण देते हैं,
फ़िर भी बात-बात पर जय श्री राम बड़े गर्व से कहते हैं।
मासूम बच्चियों के जिस्म को बड़ी बेरहमी से खरोचतें हैं,
दुनिया के सामने फिर सद्चरित्र का चोला ओढ़ घूमते हैं।
जिधर देखो उधर भ्रष्टाचार व आतंक का साया हैं,
फिर भी उस रावण के दहन की हिम्मत कहाँ से तू लाया हैं।
ऐसे कलयुगी रावणों का संहार करने कौन आयेगा,
कब इस धरा का उद्धार हो राम राज्य बन पायेगा।-
बिगड़े काज क्षण में बनत,
अद्भुत मंत्र सदृश "राम" नाम !
सियाराम, श्रीराम, राजाराम,
सरस मनोभाव में सब पावनतम !
भजन-भजत ध्यान धरें,
भीड़तंत्र-उन्माद में प्रभुनाम "हराम" !-
राम ही संस्कृति
राम ही प्राण है
राम मंदिर का निर्माण
भारत का नवनिर्माण है-
रामराज्य के पुख्ता संकेत
पतितपावनी गंगा अब पूरे हर्षोल्लास में है,
मुक्त कर देगी पापों से सबको, इसी दृढ़ विश्वास में है!
सहस्त्राब्दियाँ बीत गई, इतने पापी थे नहीं कभी,
जितनी संख्या इनकी, अभी कोरोना के भारतवास में है,!!
भगीरथी का प्रयास, कलियुग में वरदान बना है,
रामराज्य की आहट है ये, सबका ही विश्वास घना है,!
मुक्त हो धरती पापों से, तब तो आगे बात बने,
प्रकृति ने तभी अधर्मियों का, धरा से अवसान चुना है,!!
मर नहीं रहा है कोई, सभी मुक्त हो रहे हैं,
जो अबतक बचे हुए हैं, धर्म की गठरी ढ़ो रहे हैं,!
रामराज्य आने से पहले, नास्तिक सभी चले ही जाएँ,
वो भी इसी मंशा को दबाये, मन-ही-मन खुश हो रहे हैं,!!
मुद्दतों बाद इस धरा पर, ईश्वर का अवतार हुआ है,
रामभक्तों का एकमात्र सपना, तभी तो साकार हुआ है,!
गंगा मैय्या भी पूरे तन-मन से, पाप धोने में लगी हुई है,
हजारों वर्षों के इतिहास में, ऐसा पहली बार हुआ है!!
जो समझ नहीं पा रहे हैं तथ्य को, उल-जलूल बक रहे हैं
रामराज्य की बात कहो तो, गला फाड़ कर हँस रहे हैं,!
अरे भाई ! हर नवनिर्माण के पहले एक महाविनाश जरूरी है,
रामराज्य आने के पुख्ता संकेत हैं, जो शव गंगा में बह रहे हैं,!!-
ना राम है ना रावण है ना ही वह कहानी है चार अपराधियों के साथ खड़ा हो गया एक समाज क्या यही रामराज्य की निशानी है
अगर यही रामराज्य है तो नहीं चाहिए ऐसा रामराज्य जहां सीता नहीं निर्भया आसिफा और मनीषा जैसी ना जाने कितनी ही कहानी है
शर्म की बात तो यह है कि इन सब नामो पर भी राजनीति ही खेल जानी है छोड़ो नहीं चाहिए यह रामराज्य जहां लड़कियों को ही परेशानी हो...-
राम तुम्हारा नाम ही सम्बल है
हर मुश्किल से लड़ने का बल है-
🚩🚩राम मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी प्रतीक्षा पूरी होना त्रेता युग के राम जी
की कलियुग में एक और विजय है🚩🚩-
राम राज्य की बात क्यूं करते हो साहब??
ये राम राज्य ही तो है...
राम राज्य में स्वर्ग लोक में अप्सराएं
नृत्य करती थी, आज कोठे पर तवायफें
नाचती हैं..
राम राज्य में देवगण दर्शक थें,
आज श्रेष्ठ सज्जन लोग हैं..
राम राज्य में शुद्रों की बेटियां दासी होती थीं
जो मात्र भोग-विलास की वस्तु थी..
आज दासी नहीं बन रही हैं तो,
ज़बरदस्ती उनकी इज़्ज़त लूटी जा रही है।
राम राज्य ही तो है....
थोड़ी जहमत उठाइए और इतिहास को
सही तरीके से पढ़िए।
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बड़े दिनों के बाद,
आया है यह दिन आज,,
पूर्ण होंगे सबके काज,
होगा अब राम राज..
🙏
"जय श्री राम"-