सा - साथ रहें ।
रे - रेशम के धागे जैसे ।
गा - गाते रहें साथ में
मा - माँ की लोरियां जैसे ।
पा - पास रखें खुशियाँ,
धा - धारा नदियों की जैसे ।
नि - निभायें रिस्ते
सा - सागर और लहरें जैसे ।-
हम चाहते हैं आपके लिए testimonial लिखें ! क्या आपको मालूम है कि हम सभी दुनिया के बारे में सब कुछ जान लेते हैं, जो दिल करता लिखते रहते हैं, लेकिन जब कोई दूसरा हमें पढ़कर हमारे लेखन के बारे में nice, बहुत खूब, बहुत सुंदर कहते हैं तो अच्छा लगता है पर उससे भी ज्यादा खुशी तब मिलती है जब कोई थोड़ा और दिल के करीब लगने वाले शब्द लिखते हों ! टेस्टीमोनियल को तारीफ,फीडबैक, उपहार या अवार्ड के तौर पर ले सकते हैं । तो हमें बतायें कमेंट बॉक्स में क्या आप टेस्टीमोनियल प्राप्त करना चाहते हैं । आप रचनात्मक संसार के लिए भी testimonial के तौर पर कुछ अच्छे शब्द लिख सकते हैं । thankyou ✍
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मुझे तुम्हारी फिक्र है,
बस इतनी सी बात
किसी को कहने में
पूरी जिन्दगी निकल जाती है ।
और हम कह नहीं पाते,
कभी रिश्तों की खींच तान में,
छोटे मोटे अहंकार वश
मुझे तुम्हारी फिक्र है,
यह जता नहीं पाते हैं ।
©रचनात्मक संसार-
इश्क तो हमेशा भूल से ही होती है
वरना
किसे शौक है खुद को तबाह करने का.....
❣️❣️❣️-
एक रोज मैं तुमको लिखूंगा..
मेघदूतम् और ऋतुसंहार
दुनिया के लिए परिभाषित करूंगा..
एक अथाह प्रेम सागर,
खुद को लिख दूंगा
"कालिदास"-
कविता, poem , poetry, या कोई भी रचना,
ऐसी हो जो ज़िन्दगी को purposeful, beautiful, और Live बनाये ! जो हमारी Life को बदलकर रख दे ! जो Mistic भी हो और थोड़ी mithi भी ! और यही सबमिलकर लाइफ को fantasy, dreamy और interesting बनाते हैं ! जिसे हमसब
कविताओं में जीना चाहते हैं !-
हर दिन एक सा ना
हो इसलिए
ही हमें चुनौती - पूर्ण
संघर्ष करने
जरुरी हैं जिंदगी
को हर दिन
नये दिन के साथ
जीने के लिए-
सच कहना,
अगर ये सच है, तो वो क्या था ।
अगर वो सच है, तो ये क्या है ।
......
सच तो एक ही है, मगर भ्रम कई ।
भगवान तो एक ही है, मगर धर्म कई ।
मंजिल तो एक ही है, मगर रास्ते कई ।
जा तुम रहे हो किस दिशा में, अब तो जागो भाई ।
दो पल हम तुम मिले, फिर कब मुलाकात हो,
क्या जानता है कोई । सच कहना,
मेरी बातें सच्ची है, या वो जो तुम सोच रहे हो ।
मेरे बारे में... सच कहना ।-
तुम्हारी बातों से लगता है,
तुम कहीं मुझे प्यार तो नहीं करने लगे ।
सबके सामने मुझे इस तरह,
पार्टनर घोषित करना,
पता नहीं ये सही था या गलत ।
पर तुम्हारी बातों से लगता है,
तुझे मुझसे कुछ कुछ होने लगा है,
कुछ कुछ ही नहीं शायद बहुत कुछ...,
ऐसे ही नहीं तुम मुझे इतने याद करने लगे,
कोई ना कोई बहाना निकाल कर,
मुझसे बातें करने लगे,
अपने दिल की बात बताने लगे ।
पता नहीं कैसे तुम मुझे पसंद करने लगे,
पर तुम्हारी बातों से लगता है,
तुम तो मुझसे मोहब्बत करने लगे ।-