यूँ न हमसे नज़रें मिलाइए,
हमने नज़रें झुका ली तो
क़यामत होगी
मिला ली तो मोहब्बत...-
चित्रकारी तो मुझे आती नही ,
हाँ , चेहरा मैं भी तेरा गढ़ लेता हूं ।
अब जाना कि रातो को नींद क्यों नही
शायद तेरे ख़यालो में ही जग लेता हूं।
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बहुत से तज़ुर्बे लिखे अये जिंदगी तेरी किताब में,
बस जो मुझे लिखे वो पन्ना अब भी बाकी है...-
Ye un dino ki baat gaha makaan pakke
Aur shandar par unme rishtey bohut kamzor-
औरत को मैं उसका दायरा बता देता हूँ
मैं मर्द हूँ
औरत को उसकी औकात दिखा देता हूं
छूट दी तो है तुम्हे इतना घूमने फिरने की
मैं मर्द हूँ
खुद को स्त्री का मालिक बता देता हूँ
तुम्हे कमाने की ज़रूरत ही क्या है
मैं मर्द हूँ
सब ऐशों आराम तो तुम्हे ला देता हूँ
इतना तो बर्दाश्त कर ही सकती हो
मैं मर्द हूँ
कभी कभार ही तो गुस्से में हाथ उठा देता हूँ
बच्चों पर कभी तुम भी ध्यान दे दिया करो
मैं मर्द हूँ
इनकी सारी ज़रूरतें तो पूरी मैं कर देता हूँ
खुद को देखो कितनी अजीब दिखने लगी हो
मैं मर्द हूँ
कहीं और दिल फिसल जाएगा बता देता हूँ
देखो अब फेमिनिज्म की नौटँकी मत दिखाना
मैं मर्द हूँ
मैं समाज को बखूबी चला देता हूँ
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वो कभी हाथी को मानते है भगवान गणेश का अवतार
इन्सान हो के भी उसी हाथी पे करते है जानवरों सा अत्याचार
वो एक बच्चे को उसके माँ के ही गर्भ में देते है मार
ऐसे जानवर लोगो को भी इंसान कहने को है लाचार-
भगवान ने सबसे ज्यादा अकल इंसान को दी
और उसी ने मेरे साथ ऐसी बुरी हालत की
शिकायत करूं तो किसकी और दोष दूं तो किसको मै।-
तुम तैराक भले ही कमाल के हो
पर मेरी आँखें भी कुछ कम नशीली नहीं !-