कही मिसवाक,टोपी
कही कुरआन निकलेंगे
मुसलमानो के घर से यही सामान निकलेगा
तुम क्या समझोंगे गद्दारों
हमारा खून निचोड़ोग तो हिंदुस्तान निकलेंगा ।-
जमाने ने उम्मीद छोड़ दी हमसे
पर अभी भी हमारे हौसले बुलंद है-
इंसान दुनिया में सब की सुनकर नही रह सकता
सब की सुनेंगे तो हजामत करनी पड़ेंगी
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कोशिश तो बहुत लोग करते है
पर कामयाब सिर्फ
कैपेसिटी वाले और किस्मत वाले होते है
जो की सब के पास नही होती-
क्या वक्त था वो
जब जहा हाथ डाले वो चीज अपनी बन
जाती थी
अब अपनी चीज़े भी गैर नज़र आती है-
नहीं भूले हम हमारी हार को
पर हमने जान लगा दी कह दो हजार को,
हारना तो बस एक खेल का हिस्सा था
पर हमारी किस्मत में कुछ और ही लिखा था,
पायेंगे मुकाम एक दिन उससे भी ऊंचा
ना दिखा पाएंगे कोई भी हमे निचा,
हसरतें करना हमारी फितरत में नहीं
रोज नए खेल खेले है हमने बस हमारा काम ही है यही
मंजिल खुद एक दिन कदम चूमेगी
ये हमने ठानी है
जा उखाड़ लो ये हमारी मन मानी है-
खेल खेलना तो वक्त से सीखे
कल तक हमारा था ,
अब पराए की महफिल में नजर आता है-
Don't mad for one thing
One goes another comes...
Let moves on quikly and work for another one...👍
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