कुछ बात हमारी बाक़ी है, कुछ अल्फ़ाज़ अधूरे बाक़ी है,
कुछ साँस मिलानी बाक़ी है, कुछ आवाज़ लगानी बाक़ी है,
कुछ मिलना - मिलाना बाक़ी है, कुछ हँसना - गाना बाक़ी है,
कुछ प्यार पुराना बाक़ी है, कुछ तेरा मुस्कुराना बाक़ी है,
मेरी हस्ती तुझमें बाक़ी है, इक्क संगी-साथी बाक़ी है,
यह इश्क़ ना हुआ मानो कोई ज्ञान हुआ.....
जिसमें मँझधार में जाना बाक़ी है, और पार लगाना बाक़ी है।
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