ये रात भी कट जाएगी
फिर आयेगा उम्मीदों का सबेरा
लेकिन ये रात कैसे कटेगी
क्या कोई बताएगा
सच है
उम्मीद पर दुनिया है कायम
लेकिन उम्मीद कैसे रहे कायम
क्या कोई बताएगा
ये हार जीत सब जीवन का हिस्सा है
ऐसा सब बताते है
लेकिन जब हार ही हर बार हिस्से आए
तो हिम्मत कैसे एकजुट रखे
क्या कोई बताएगा
वो लड़ रहा है द्वंद
कोशिश अपनी बुरी आदतों को छोड़ने की
भरपूर कर रहा है
लेकिन ज्ञान देने के अलावा
सहयोग किसी ने क्या किया
क्या कोई बताएगा।
नितिन शर्मा
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पेशे से एक डॉक्टर हूं
जो कु... read more
Kya ho tum mere liye jara sochna
Meri jagah khud ko rakh kar dekhna
Jo pakad rkhi hai bewajah ki jid
Uss jid ko chhodkar
jara thoda mere bare me soachna
Jabardasti kya hai ,
kch bhi nhi
Jo nitin hai wo wesa Banda nhi ...-
जहां ठिठके फिर थम जाए,
आखिर बस भी वहीं जाए,
यूं शक की निगाह से
ना देखा करो यारों,
भटकते मुसाफिर को भी
एक ठिकाना ही चाहिए..-
नहीं जाहिर कर पा रहा क्या है तू,
लेकिन जैसा भी है जो भी है
बेहद प्यारी है तू ,
हँसी बच्चों सी, नहीं मुस्कुराहट मासूम सी
ना जाने कैसे इतनी प्यारी है तू,
निराश को आस से भर दे,दुखी को खुश कर दे
एेसी है तू,
हवाओ के साथ बह रही मदमस्त खुशबू सी है तू,
रात में तारों टिमटिमाहट के बीच चाँद है तू,
पहली बारिस के बाद मिट्टी की सौंदी खुशबू सी है तू,
वक्त कैसे बीत जाता है पता ही नही चलता
जब साथ होती है तू,
लगता नही मुझे कोई तेरे जैसा
सच में सबसे अलग है तू,
जिंदगी बड़ी बहुत खुशनुमा सी हो गयी है
जब से मेरी दोस्त बनी है तू।-
छोड़ दिया था शब्दों को,
जब तुम साथ ना होगी तब
क्या कर तुम्हें साथ रखेंगे,
क्या कर तुम्हें जिएंगे,
इस ख्याल ने जगा दिया
फिर से लिखने के जज़्बात को!
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रूक संभल,
सोच फिर चल,
मिल जायेगा कल,
लेकिन ना मिल पाएगा
आज बीता हुआ पल।
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Attitude is a dynamic thing.
It is bound to change over time.
It is not necessary that your opinion is always the same about something, With experience It sparkles.-
चलता होगा रिवाज़
गुलाब देने का तुम्हारे वतन में,
हमारे यहां तो मेहबूब का दीद
हो जाने भर से ही
बहारे आ जाया करती है
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दुनिया से इत्तर सोचता हूं
अपने उसूलों और अपनी
सोच का पक्का हूं ,
तुम करते रहो पीठ पीछे वार
मैं हरदम आगे बढ़ते चलता हूं,
मेरी आंखों में मेरी नियत और
मेरे सपनों की परिधि है
उन्हें हरदम साफ रखता हूं,
मैं कोशिश खूब करता हूं
सबके साथ चलने की,
हालात और सहूलियत में ढलने की,
लेकिन जब कोई सिर पर चढ़े
तब बेझिझक सब भुला आगे बढ़ता हूं।
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