पलट आ ओ मुसाफिर,
बिन तेरे जिंदगी वीरान है,
सफलता की प्यास में,
तु भूल गया अपनों की आस है,
बस एक बार पलट आ ओ मुसाफिर,
बिन तेरे प्रीत ये तेरा यार भी परेशान है,
😭😭😭-
मेरे मोहब्बत का कोई नाम पूछे...
तो बोलो अब हम क्या बताएंँ...??
एक तरफा प्रीत के इस गीत को...
बोलो कब तक हम तन्हा गुनगुनाएँ...??-
है मुकाबला तुमसे,
हासिल भी मेरा तुम हो।
मैं तुमको ही हरा कर के
तुमको जीतूं कैसे?-
प्रेम का डोर टूट गया...
तु मुझसे क्यों रूठ गया...??
मैं था तेरा तू थी मेरी...
फिर क्यों प्रीत का दामन छूट गया...??
क्यों हमारा बंधन टूट गया...??-
शीत में ऊष्ण जैसे तुम
राधे की प्रीत जैसे तुम ,
जो मिल जाए जल्दी से
वो जवानी की नौकरी तुम,
जो सोचूँ मैं और मुस्कुरा दूँ ,,
वो यादों की हो चादर तुम !!
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तेरे दामन की खातिर
जिनेका हिसाब बदला है...
रूह वही पुरानी है दोस्त...
हमने बस नकाब बदला है....-
अब कुछ ना बाकी है ....
तेरा होना ही काफ़ी है ....
तेरी मौजूदगी से सबकुछ हासिल है ....
अब कुछ ना बाकी है....
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प्यार-मोहब्बत के किस्से, मे फिर से लिखूंगा,
तुम उसे इश्क़ नाम देना, में खुद की तवाही कहूंगा.-
Thank you so much preet ji... 😇🙏🙂
Aap ka bahut bahut dil se sukriya... 🤗
😘😍👍☺-