जी लगता ही नहीं...
अब कहीं और...
तेरे बिन ओ मोरी सजनी...
पूरी दुनिया लगे पराई सी...
सिर्फ तू ही लगे...
इस दिल को अपनी....-
एक तेरी चाहत ने हमें कहीं का ना छोड़ा
कर लिया खुद को मेरी ज़ात से पराया मैंने।-
ज़िन्दगी को बस कैसे भी जी लू
दो पल के खुशी को खुद मे समेट लू
मिलने बिछडने का सिलसिला चलता रहेगा
कोई खास तो कोई पराया बनता रहेगा..
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कोई पराया होकर भी
हमारा अपना है ...
ये सोचना बस हमारी
कोरी कल्पना है...-
मतलब के बिना कोई अपना नहीं होता
अगर है तो ये तुम्हारा भम्र है-
इस दुनिया की भीड़ मे कही गुम ना हो जाए हम,
चलो एक बार फिर से बच्चे बन जाए हम,
माँ की ममता पर फिर से इठलाए हम,
पापा की डाँट पर रूठ जाए हम,
दादा जी की झप्पी से इक पल में मान जाए हम,
ये रूठने मनाने के सिलसिले फिर से गुनगुनाए हम,
चलो, एक बार फिर से बच्चे बन जाए हम.......-
जिसको अपना समझना था ,
वो हमको पराया कर गए ,
जिसने हमको बस अपनी जरूरत समझी ,
उनको हम आदत बना बैठे ,
भूल गए उसे जिसके सजदे में हमे सर झुकाना था ,
भीख मांग बैठे उनसे जिसका रिश्ता बस दो पल का था ,
जिनके लिए मेरा होना ना होना कोई मयिने नहीं रखता ,
साहब उन्हीं पे आज दिल लूटा बैठे है ,
घमंड नहीं हमे बस उम्मीद है कि
वो लौट के जरूर आयेंगे मनाने
बस इसीलिए नाराज़ बैठे है ।-
इश्क़ जब था ही नही मुझसे तो जताया ही क्यूँ
अपना नही सकती थी तो अपना बनाया ही क्यूँ।।-