अंधियारे जीवन में,
बरसी उजियार है...
राम लला घर लौटे,
अजी,आज त्योहार है!!
प्रति पल उल्लास है,भक्ति की फुहार है,
मन हुलस-हुलस जाए सखी,आज त्योहार है!!
अयोध्या है राम रंगी,हर घर की शोभा न्यारी
प्राण-प्रतिष्ठा को जुटी,भीड़ अति भारी!
देखन में सोह रही प्रभु की छवि प्यारी।
बार-बार हुए जाते सेवक बलिहारी!
आत्मा को शीतल कर रही ये बयार है।
मंगल गाओ सभी,आज त्योहार है।
बरसों के बाद जग में,आयी ये बहार है
दीप जलाओ सखी,आज त्योहार है!!-
[Is Listening To: Hanumaan Chaalisa (By Udit Narayan)]
Let us all be the enabler of positive change, and living proof of warriors with a discerning mind..-
पूरा हुआ वनवास राम का,
राम अवध को आए हैं,
दीप जलाओ खुशियां मनाओं,
मेरे राम अपने अयोध्या आए हैं,
अब नहीं मिलेगा वनवास राम को,
न सीता महलों से जाएंगी,
पूरा हुआ वनवास राम का,
राम अवध को आए हैं।-
Lord Rama is finally in His own space, and we Indians are in our happy space as well.. Politicking had to be the harbinger of Almighty's divine glory, but Lord knows He is already, always perched in the heart of the persons for whom God is omnipresent..
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अंधियारे जीवन में,
बरसी उजियार है...
राम लला घर लौटे,
अजी,आज त्योहार है!!
प्रति पल उल्लास है,भक्ति की फुहार है,
मन हुलस-हुलस जाए सखी,आज त्योहार है!!
अयोध्या है राम रंगी,हर घर की शोभा न्यारी
प्राण-प्रतिष्ठा को जुटी,भीड़ अति भारी!
देखन में सोह रही प्रभु की छवि प्यारी।
बार-बार हुए जाते सेवक बलिहारी!
आत्मा को शीतल कर रही ये बयार है।
मंगल गाओ सभी,आज त्योहार है।
बरसों के बाद जग में,आयी ये बहार है
दीप जलाओ सखी,आज त्योहार है!!-
ज्ञान की सरयू बही हो चला भव को भान।
धरा अयोध्या धन्य हुई देखि मंदिर पुनर्निर्माण।।
कल कल गाए मधुर ध्वनि पयस्वनि सरयू तीर।
सकल काज सफल भयो जो धरे हुए थे धीर।।
अनुशीर्षक में..-
Tuta Tuta Ek parinda Aise Tuta,
Ki Fir bahut Uda vo,
Luta Luta kisne usko Aise Luta,
Ki fir Kabhi na Muda vo,
Girta hua vo aasman se
Aakar Gira Zameen per,
Khwabo mai fir bhi badal hi the
Vo kehta raha magar,
Ram Siya Ram Siya Ram
Jai Jai Ram..!!-
हे राम बड़ा कठिन है तुमको लिखना
तुम सा सरल सद्भाव और कोमल मन
कैसे लिखूँ साथ में रावण से रण।-
चारों ओर एक ही नाम की मस्ती,
खुशियां ही खुशियां छाई हैं,
आख़िर उत्सव क्यों न मनाए भव्य,
ज़िंदगी में पहली बार तो साल की पहली दीवाली आई है।-
As much as I believe in secularism,
The same way I will never hesitate in displaying the love for my own religion, it's sanctity, the recognition & the long overdue justice it lawfully deserved.
Jai Shri Ram🙏
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