Shunymay   (शून्यमय🖋️)
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Joined 9 April 2021


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22 JAN AT 8:27

ज्ञान की सरयू बही हो चला भव को भान।
धरा अयोध्या धन्य हुई देखि मंदिर पुनर्निर्माण।।

कल कल गाए मधुर ध्वनि पयस्वनि सरयू तीर।
सकल काज सफल भयो जो धरे हुए थे धीर।।

अनुशीर्षक में..

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13 JAN AT 18:14

किसी के पास समय नहीं और तू उसके समय को तरसता है,
पूछे बिना पूछता नहीं और तू उसकी ख़ैरियत को तरसता है।

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13 JAN AT 18:08

तू उसपे मरता रहा और उसने
तुझे मरने के लिए छोड़ दिया।

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1 JAN AT 18:29

सारी दुविधाएँ सारी बाधाएँ सबकी दूर हो जाएँ,
नया साल सब के जीवन में खुशियाँ लेकर आए।

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29 DEC 2023 AT 15:36

खूबसूरत चेहरे मिलेंगे लाखों इस दुनिया में,
पर जो बुरे समय में साथ निभाए हमसफ़र ऐसा चाहिए।

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25 DEC 2023 AT 20:10

राजनीत पे प्रण लिखता हूँ,
जननीत का रण लिखता हूँ।
परमाणु से पोखरण लिखता हूँ,
भारत का कण कण लिखता हूँ।

नैतिकता से फिर भरा होगा
विश्वास से फिर खड़ा होगा।
सूख गया है जो पत्ता आज,
वह कल फिर से हरा होगा।

राजनीति को शुद्ध करुँगा,
भारत को फिर बुद्ध करूँगा।
स्वयं को न अब क्रुद्ध करूँगा,
अन्त तक जीवन युद्ध करूँगा।

निश्चय को अतिशय अटल करूँगा
विफलता को अब विफल करूँगा।
मार्ग से पीछे कभी न हटूँगा अपने,
आदर्श मूल्यों का अनुकरण करूँगा।
आदर्श मूल्यों का अनुकरण करूँगा।।

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24 DEC 2023 AT 16:42

तेरी सारी उलझनें सारी परेशानियाँ मेरी भी हैं
इश्क़ सिर्फ़ ख़ुशियों का हक़दार नहीं होता।
जीते रहना ज़िन्दगी अपनी शर्तों पे खुलकर अपने लिए,
प्यार बदले में कुछ मांगता तो वो सच्चा प्यार कहाँ होता।।

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23 DEC 2023 AT 16:03

मेरे आँखों के नीचे के काले घेरे गवाह हैं
हर उस रात के,जो मैंने तेरी याद में गुज़ारे हैं।

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22 DEC 2023 AT 17:05

पहली किताब..

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5 SEP 2022 AT 19:54

अनुशीर्षक में..

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