PANKAJ AMLIYAR   (Pankaj Amliyar)
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Naturally INTROVERT but,
Selectively EXTROVERT.
Joined 26 November 2021


Naturally INTROVERT but,
Selectively EXTROVERT.
Joined 26 November 2021
21 AUG AT 23:09

मैं चाहता हूँ कि,
तुम मुझसे बात करो।
पर मैं नहीं चाहता कि,
तुम मजबूरन मुझसे बात करो।।

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9 AUG AT 10:18

Happy World Indigenous Peoples' Day

Honoring the resilience, cultures, and contributions of Indigenous communities worldwide. Wishing strength, unity, and pride to all Indigenous peoples today and always.

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3 AUG AT 20:49

मेरी तकलीफ की वजह तुम नहीं हो,
तकलीफ की वजह ही यही है कि, तुम नहीं हो।

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29 JUL AT 8:39

जंगल कट रहा था फिर भी,
सारे पेड़ कुल्हाड़ी को वोट दे रहे थे,
क्योंकि पेड़ों को लग रहा था कि,
कुल्हाड़ी के हत्थे में लगी लकड़ी,
उनके समाज की है।

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18 JUN AT 11:13

मैं चांद को खुबसूरत कहता था,
तुम्हें देखने से पहले।
मैं मोहब्बत से नफरत करता था,
तुम्हें देखने से पहले।
वफादार हुई है मेरी नज़रें,
तुम्हें देखने के बाद।
मैं हर किसी को देखता था,
तुम्हें देखने से पहले।

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15 APR AT 18:53

शब्दों से ही खुशी
शब्दों से ही गम
शब्दों से ही पीड़ा
शब्दों से ही मरहम।

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15 MAR AT 11:40

कल तक जो रंग, रंग थे,
आज वो रंग, दाग हो गए।
कल तक जो अपने, अपने थे,
आज वो अपने, पराए हो गए।।

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26 FEB AT 0:14

फासले ऐसे भी होंगें,
ये तो मैनें सोचा न था।
पास होकर भी,
वो मेरा न था।।

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8 FEB AT 0:14

शायद सच में पागल है मेरा दिल जो हमेशा
उसके बारे में सोचता,जिसको मेरी परवाह ही नहीं है।

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25 DEC 2024 AT 2:06

जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं है,
और क्या जुर्म है पता ही नहीं हैं।
इतने हिस्से में बट गया हूँ,
कि अब मेरे हिस्से में कुछ बसा ही नहीं हैं।
धन के हाथों बिक गये सब कानून,
अब तो किसी जुर्म की सजा ही नहीं हैं।

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