मैं चाहता हूँ कि,
तुम मुझसे बात करो।
पर मैं नहीं चाहता कि,
तुम मजबूरन मुझसे बात करो।।-
Selectively EXTROVERT.
Happy World Indigenous Peoples' Day
Honoring the resilience, cultures, and contributions of Indigenous communities worldwide. Wishing strength, unity, and pride to all Indigenous peoples today and always.-
मेरी तकलीफ की वजह तुम नहीं हो,
तकलीफ की वजह ही यही है कि, तुम नहीं हो।-
जंगल कट रहा था फिर भी,
सारे पेड़ कुल्हाड़ी को वोट दे रहे थे,
क्योंकि पेड़ों को लग रहा था कि,
कुल्हाड़ी के हत्थे में लगी लकड़ी,
उनके समाज की है।-
मैं चांद को खुबसूरत कहता था,
तुम्हें देखने से पहले।
मैं मोहब्बत से नफरत करता था,
तुम्हें देखने से पहले।
वफादार हुई है मेरी नज़रें,
तुम्हें देखने के बाद।
मैं हर किसी को देखता था,
तुम्हें देखने से पहले।-
शब्दों से ही खुशी
शब्दों से ही गम
शब्दों से ही पीड़ा
शब्दों से ही मरहम।-
कल तक जो रंग, रंग थे,
आज वो रंग, दाग हो गए।
कल तक जो अपने, अपने थे,
आज वो अपने, पराए हो गए।।-
फासले ऐसे भी होंगें,
ये तो मैनें सोचा न था।
पास होकर भी,
वो मेरा न था।।-
शायद सच में पागल है मेरा दिल जो हमेशा
उसके बारे में सोचता,जिसको मेरी परवाह ही नहीं है।-
जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं है,
और क्या जुर्म है पता ही नहीं हैं।
इतने हिस्से में बट गया हूँ,
कि अब मेरे हिस्से में कुछ बसा ही नहीं हैं।
धन के हाथों बिक गये सब कानून,
अब तो किसी जुर्म की सजा ही नहीं हैं।-