खादी पहने, गाँधी टोपी डाले, हाथ जोड़ चल रहे है,
सहानुभूति का दंश लिए आज फिर किसी को डस रहे है।
कुछ देर पहले देख गरीबों को भूके पेट, इनकी ऑंख में आंसू आ गए,
नहीं पता अब के से देड कचोरी एक समोसा खा गए।
किसी ने पुछा साथ में है महिला कोन, बताये,
मंत्री जी की है प्रेमिका वो, पर सिस्टर बता गए।
पावर आने पर सारे वादे भूल गए,
था पैसा जो जनता का, बिन डकार के खा गए।
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