बेचैनी ने निचोड़ा है, झटकार दो ज़रा
नील में यूँ तर जाऊँ मैं, ख़ुमार दो ज़रा
रोम रोम मेरा तार तार, अब तुम्हीं से है
हथेलियों से तार पे तुम, उतार दो ज़रा
सर्द सर्द सा ये समा, और भीगा भीगा मैं
धूप दो, हवा को तुम, रफ़्तार दो ज़रा
है हवा गुनगुना रही, है नमी ये मिटा रही
हवा संग बह जाऊँ ना, पुकार दो ज़रा
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