पिटारा, मेरी नटखट ख्वाहिशों का तुमसे। खुशनूमा, मेरे अंदाज़ में मिश्री घुले तुमसे। गूंज, मेरी खामोशियों में तुमसे। बेबाक मेरे इरादों, में हिम्मत तुमसे। जहां में रंग, पर रंगधनुष तुमसे। पलकों में सपने, सच करने का जुनून तुमसे।
कितनी आसानी से उतार देते हैं मेरे सिर पर चढ़ा दर्द का बोझ वो, कितनी सहजता से पोंछ दिया करते हैं मेरे आँसू वो... मेरे चेहरे पर बर्दाश्त नहीं हैं तनिक भी शिकन उन्हें, मुस्कुराना मेरा बेहद पसंद हैं उन्हें... ❣️LOVE YOU PAPA❣️