कंही अगर मै खो जाऊं, इन यादों को थोड़ा और जी लेना
उन गलियों में थोड़ा और घूम आना जँहा हम कभी मिला करते थे, उस पेड़ को अपने हाथों से थोड़ा छुं लेना जँहा कभी हमने हमदोनो का नाम लिखा था, उन ख्वाबों को पूरा करना जिसे हम एक साथ देखा करते थे, उस गाने को थोड़ा और सुन लेना जिसे हम दोनों एक साथ गाते थे, उन हवाओं को महसूस करलेना जँहा हमारे यादें हो
कभी अगर तुम्हारी जान कंही खो जाये तो उसकी जान को सलामत रखना...
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