QUOTES ON #ORPHANAGE

#orphanage quotes

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21 JAN 2018 AT 14:28

In the world of hotels, restaurants
She chose an orphanage to celebrate her birthday

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8 APR 2020 AT 20:36

हर दर भटक गया वो , जिसे एक दर चाहिए था
शायद प्यार चाहिए था ,शायद प्यार चाहिए था😢

वाह रे तकदीर👏 , तेरे फितरत का जवाब नहीं
उससे हीं सब कुछ छीना , जिसका था कोई नहीं😥

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11 JUL 2020 AT 19:08

क्या गीत सुनाने आए हो?
दो वक्त की रोटी , एक जोड़ा वस्त्र लेकर
क्या हमें हंसाने आए हो ?
अकेला - तन्हां , ना घर ना कोई अपना
एक पल हंसाकर, क्या पल-पल रूलाने आए हो?
अपना-अपनेपन का क्या एहसास कराने आए हों?

लगता है आव़ाजों के जंगल में
कोई गीत सुनाने आए हो😑



🇮🇳Orphanage🇮🇳

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5 FEB 2021 AT 12:20

आवाज़ खनक्ती , कानों में ।
हवाएं , तेरी जिस्म स मालूम हो ।
चांद-सूरज , के पीछें से ताके हैं ।
ऐसा रख़ गई , मेरे सर पे हाथ वो ।
जैसे उम्र भर की दुआएं , दें गईं हो ।

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8 JUN 2021 AT 7:00

👇इसे
पढ़े
प्लीज🙏

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12 MAY 2019 AT 13:35

🙏"my dear all sons of every mothers in this country, please do not encourage for more 'old age homes' to be established...

ನನ್ನ ದೇಶದ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ತಾಯಿಯ ಪ್ರಿಯ ಮಕ್ಕಳೇ ನಿಮ್ಮಲ್ಲಿ ಒಂದು ಕಳಕಳಿಯ ಮನವಿ🙏
ಹೆಚ್ಚು ಹೆಚ್ಚು ಅನಾಥಾಶ್ರಮಗಳ ಸ್ಥಾಪನೆಗೆ ಅವಕಾಶ ಮಾಡಿಕೊಡಬೇಡಿ...
take good care of your mother...

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29 NOV 2020 AT 9:50

भूख से तड़पता हुआ
वो मासूम मर रहा था😐

अनाथ था ना साहब
खुद में सिमट रहा था

मौत आई आव़ाज लगाई
बोला, मैं ना जाऊंगा

इस खूबसूरत दुनिया में
अपना भी घर बनाऊंगा

तुम आना मुझे लेने
जब मैं महलों का राजा बन जाऊंगा

किसी अनाथ को 😢अनाथालय से उठाकर
जब अपने घर में जगह दिलाऊंगा.

तब तुम आना लेने
जब मैं महलों का राजा बन जाऊंगा🙏

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30 NOV 2020 AT 20:04

वक्त से पहले बड़ा हो गया ।
हर खुशियों से मैं जुदा हो गया ।
आंख खुली तो कुड़े का *सेज* था,
उस पर पड़ा मैं बेवज़ह हो गया😢
ना कोई नाम , ना कोई पता
मां-बाप कौन है अपना *ना है पता*
पता मर्तबा *चारदीवारी* हो गया
★अनाथ★😢 हो गया जी
बस ये *बीमारी* हो गया ।
भीड़ जम़ा एक *कमरा* था
जिसमें हम-सब *मुर्ग* के जैसे
जो कुछ मिलता *खा लेते*
अगर, भूखा सोते तो बस सो जाते😥
यहां ना कोई *मनाने* वाला था
ना लोरी सुनाकर *सुलाने वाला था*😐
हर दर्द पर मऱहम *खुद बन जाते थे*
★अनाथ★ थे ना साहब 😥हर बार सिमट जाते थे😥

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18 DEC 2020 AT 10:12

वक़्त के साथ चलकर (बड़े हो गए हम)
कुछ अपने पीछे छूट गए (पर अपने पैरों पर खड़े हो गए हम)

बाहरी दुनिया में प्यार ढुंढ़ते-फिरते हैं
दिल 💔टूटता है तो शराब ढुंढ़ते-फिरते हैं

संभालने वाला कोई होता नहीं
तो मौत😟 ढुंढ़ते-फिरते हैं

पर जिंदगी के सच्चे साथी (जिसे हम मां-बाप कहते हैं)
उन्हें अपने salary के कुछ हिस्से देकर
:उसी गांव में छोड़ आते हैं;
जहां से उन्होंने हमें शहर का रास्ता दिखाया था🚶

चलो यार, अब मन से नहीं तन से घर लौटते है
सिर्फ पैसों के साथ नहीं , थोडा़ वक़्त
अपने बुढ़े-मां-बाप के साथ भी बिताते हैं।

~मीठी दुनिया=our parents😍

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21 DEC 2018 AT 19:31

"Carols"
"Shirkhurma"
"Gujiya"

The children in Orphanage were actually preparing for
"Christmas"

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