उस मां की क्या थी गलती,
जिसने बेटी अपनी खोई थी।
उसके दुख में हर एक मां
हर पल तड़प के रोई थी।
क्यूं दर्द नहीं दिखता सबको,
उस मां की आंखें कहती हैं।
लाल हुई उस मां की आंखें,
वो पल पल रोती रहती हैं।
बच्चे के जाने से बड़ा शोक,
जीवन में कुछ नहीं होता है।
पैदा करने से ज्यादा दर्द,
उस अंत समय में होता है।
क्यूं थोड़े से भौतिक सुख के लिए,
किसी मानुष की जान लेते हो।
अपने लिए अपनी कब्र तुम,
जाहिल खुद ही खोदते हो।
अंत समय जब आएगा,
अपने ही साथ ना पाओगे।
सोच के उस दर्द को तुम,
खुद से ही सिहर जाओगे।
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