नजर जो लग जाए उनकी,
बरबाद होना भी मंजूर है,
काजल तो एक प्याला है,
आँखें जिनकी सुरूर है..-
जहाँ सवाल नहीं,जहाँ जुबान नहीं है,
बातें कडवी भी लगेगी यहाँ,
यह मिठाई की ... read more
गौर से आईने में देखा खुद को,
मुझे मुझमें कहीं मैं ना मिला..
वक्त दे दिया उसे अपना सारा,
जिसे कभी मेरे लिए वक्त ना मिला,..-
मैं बेखबर हूँ,बेहया हूँ,
जुबां पे आया नशा हूँ,
वो तो तुम दिल पे ले गए,
वरना बस सर पे चढा हूँ..-
देखा जो मैंने दूर से,उसे पास आते,
इतने से वक्त में भला दिल कैसे बचाते,
दिल जुबां लूटा बैठा मैं उसकी एक झलक में,
फिर उसे अपना हाल-ए-दिल कैसे बताते...।।-
अगर सारे मसले भूलाकर
माँग लें दोनों माफी,
क्या जाएगा?!
रिश्ते है सौदेबाज़ी,
मैं उसकी शादी में नहीं गया,
क्या वो मेरे मरने पे आएगा?-
ऊंचाई की चरमता को चूमती,
एक घनी ड़ाल एसे थी झूमती,
देखा आता जाता कई सालों को,
आज कल और कालों को,
आँधी में नाचने वाली एक धार से डर गई,
एक ड़ाली उमड़ी है,एक ड़ाल मर गई...।।-
कलम तो ढूंढ लाए हो कहीं से,
मगर यह दर्द किस पे उतारोगे?
मर तो गई है हर एक तमन्ना,
अब तलवार से किसे मारोगे?
सब तो लगा दिया है दाव पर,
क्या अब लिखावट भी हारोगे?-
रस्ते तो कई है मगर एक है मंजिल
एक गली पे धड़कता है सबका दिल,
खिड़की खुल जाए जो कमरे की,
उसकी एक झलक बन जाए कातिल..
हवाएं लहरा रही उसके बदन को छूके,
मैं तो टूट ही जाऊंगा जो हो जाए वो हासिल,
मैं हकिकत में उतारना चाहता हूँ उसे,
और वो है कि हर किसी के सपने में है शामिल..-
तुम फिर ईद का इंतजार करना,
वो रोज छत पे आती है,
मैं रोज ईद मनाता हूँ..-
वो डरती है के कहीं रंग ना काला पड़ जाए,
वो थी तो धूप जैसे तैसे सह ली थी बाजारों ने,
उसके ना होने से शहर में ना ताला पड़ जाए..!!-