nakul Kumar 4 HOURS AGO ओढ़ता हूँ ज़ख़्म अपने आप की ख़ातिर देखता हूँ फिर कि ज्यादा खिलते जाता हूँमन नहीं करता कि इनसे बात भी कर लूँ मिल नहीं पाता कि फिर भी मिलते जाता हूँ - nakul Kumar 6 HOURS AGO क्या कहूँ, कैसे कहूँ बेहाल हूँ इस हाल में बेसुधी में गुम हूँ तेरी यादों के जंजाल में लोग सुनकर वाह-वाही करते हैं हर बार हीरोज ही रोता हूँ अब तो मैं किसी सुर ताल में - Rishiraj Sharma 13 HOURS AGO नज़्मों को सलीखा सिखाया हमने,जवाब-ए-दिल हर बार बताया नहीं करते! - Abhay Kumar 16 HOURS AGO जब बीच मझधार में थेमदद के लिए इशारा कर लिया। और जैसे ही किनारे पहुँचेहम से भी किनारा कर लिया। - nakul Kumar 24 APR AT 16:11 कोशिशें करते कभी मर जायें हम खुद मेंमर नहीं पाते तो खुद को मारते जातेघूमते जंगल में अपनी मौत की खातिरज़िंदगी मिलती तो फिर दामन छुड़ा जातेधूप को धोखे में रख रहते अँधेरों में ज्यादा कुछ होता तो खुद को फूँकते जाते - nakul Kumar 24 APR AT 16:05 मिलना हो ख़ुद से तो तेरे शहर तक जातेआज या फिर कल नहीं पर एक दिन जातेघूमना घर-घर कि फिर घर खोजना ख़ुद मेंअपने घर होते तो फिर हम घर चले जातेकोशिशें करते कभी मर जायें हम ख़ुद मेंमर नहीं पाते तो ख़ुद को मारते जातेघूमते जंगल में अपनी मौत की ख़ातिर ज़िंदगी मिलती तो फिर दामन छुड़ा जातेतुझसे मिलने को कभी आते तेरी बस्तीतू नहीं मिलता तो फिर शमशान तक जातेधूप को धोखे में रख रहते अँधेरों मेंज्यादा कुछ होता तो ख़ुद को फूँकते जातेआते लेकर के तुझे तेरे ख़्यालों मेंमर चुका मुझमें तू ये कह कर चले जाते - Ankur Navik 23 APR AT 18:52 राम सिया तो अंदर है,बाहर से हम बंदर है।दाएं हाथ में फूल लिये,बाएं में पीछे खंजर है।बहे तो आंसू नदिया है,रुके तो एक समुंदर है।शब्द सत्य का तांडव है,कलम में बैठे शंकर हैं। - Abhay Kumar 22 APR AT 22:48 माना की मुश्किल है राह मगर, पर मज़िल को तो पाना हैं। थक हार कर बैठ ना जाना, तुझे दूर तलक अभी जाना हैं। - Ravi Jain 22 APR AT 19:38 जिस्म में डूब जाने की हसरत में कोई बुराई नहींकभी ज़ेहन में उतरने की भी ज़हमत उठाया करोJism Mein Doob Jaane Ki Hasrat Mein Koi Burai Nahin Kabhi Zehan Mein Utarne Ki Bhi Zehmat Uthaya Karo #RaviJainPoetry #RaviKiKalamSe - Ravi Jain 22 APR AT 15:46 मैं ढूंढ लूंगी मंज़िलें अपनी सफ़र में मिला गर साथ तेरा तो और हसीं होंगी राहें मेरी...Main Dhoondh Loongi Manzilein Apni Safar Mein Mila Gar Saath Tera Toh Aur Haseen Hongi Raahein Meri... #RaviJainPoetry #RaviKiKalamSe -