कभी भी खाक पर आराम का बिस्तर नहीं करता
मुसाफिर राह में तामीर अपना घर नहीं करता
बायाबानो की सेहराओ की गुलशन को फिकर कैसी
भटक जाने की राहों पर फिकर रहबर नहीं करता
फलक पैमा इरादे हो फकीराना कबा ओढ़ो
दिखावे की इबादत पर नजर दावर नहीं करता
मसाईब को छिपाना सीख दुनिया से ज़रा अपने
फजीहत सब करेंगे हल कोई यावर नहीं करता
बचाकर रखता है मूसा जो दिल को बेवफाई से
ज़माना साथ उसके ही वफा अक्सर नहीं करता-
Jab kuch sochti hu tabhi naraz ho jati hu,
Kyunki jinko hum apana mante he ,
Vo hume kabka paraya kr gye
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राब्ता तुझसे...
छुड़ा पाऊंँगा नहीं...
पर यह भी सच है...
अब लौट के आऊंँगा नहीं..-
शिकायत नहीं मुझे ज़माने से,
रूह को दिए ज़ख्मों को सीना सीख लिया है।
अब परेशान नहीं करती हैं उसकी यादें,
मैंने गमो को जाम में घोल के पीना सीख लिया है।
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वो कभी भी मुझसे कोई महल नहीं माँगती,
उसे मेरा कंधा ही काफी है सिर रखने के लिए..!!!!-
Mere chahane Wale bahut hai lekin Tere Siva maine Kisi Ko chaha he Nahi.
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नहीं तोड़ सकता मैं,
कभी भरोसा तेरा,
क्योंकि मुझे पता है,
तेरा,
आखिरी,
यकीन हूँ मैं..!!!-
✨Apne RAB se ro kar mang liya karo
Wo Kisi Ke Rone per hasta nahi hai✨...-
Mujhe kisi ke badal jaane ka
Koi dukh nahi hai
Bas koi aisa tha
Jisse ye umeed nahi thi-
क्या हुआ जो तेरी तस्वीर को mobile में नहीं रखा है मैंने , 📱
पागल तेरी तस्वीर को तो अपने दिल मे छिपा रखा है मैंने..!!!!❤
❤^^ ||...|\/|...|| ^^❤
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