सोचते थे एक दिल ही तो है अपना
कमबख्त, वो भी उसकी मुस्कान का हो गया..,
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गुज़रा ही है पतझड़ का मौसम , शाखों पर नए पत्ते आने में वक़्त लगेगा,
अभी रो कर आँसू पोंछे ही तो है , लबों को मुस्कुराने में वक़्त लगेगा ।।-
इतना मुस्कुरा क्यों रहे हो ?
किसी का राज पता चल गया
या खुद के राज छुपाने में कामयाब हो गए..-
हालातों ने खो दी चेहरे की मुस्कान,
वरना जहां बैठते थे रौनक ला दिया करते थे ...।-
Wo kahte the tumhari Muskan Gulab si h.
Tumhari Aakho ki Sarm
Sabab jaisi h.
Wo Tareefo ka silsila azeeb tha.
Aur ye sare khawab mere.
chuppi Bezuban si h..-
यूं तो एक पल नहीं लगता आंसू छलकने में,
लेकिन जब बेशुमार मुस्कुराऊं
तो समझ लेना कि टूट गई हूं!-
अपने अंदर दर्द को बस कुछ यूँ छुपा रहे हैं,
आँसू आँखों में रोक कर ज़बरन मुस्कुरा रहे हैं।।
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उसे पसंद है घर की दहलीज
पे मेरा इंतज़ार करना
मुझे पसंद है उसकी हल्की सी
मुस्कराहट जो मेरे दिल को सुकून देती है-