💖ओ प्यारी नानी मेरी प्यारी नानी💖
बचपन में तुम ही मेरे सबसे करीबी थी नानी
चाँद तारें भी कहूँ तुम वो भी तोड़ ले आती नानी
मेरी हर ज़िद्द पूरी कर जाती थी तुम नानी
गोद में मुझे उठाकर बगीचें ले जाती थी नानी
मेरी चोट पर कितने जतन किया करती थी नानी
मैं ना खाऊँ तुम भी भूखी रह जाती थी नानी
मेरी खामोशियों को भी पढ़ लेती थी नानी
अब तो शब्दों को भी कोई नहीं समझता नानी
बहुत _ बहुत _ही _याद आती है तुम्हारी नानी
अब आ भी जाओं अब गले से लगाओं ना नानी
या फिर जिस भी दुनिया में खो गई हो नानी
आव़ाज देकर मुझे ही बुलाओं ना प्यारी नानी ।।-
Woh khali khurshi aaj bhi
Muskurati hain
Jis pr beth kr
Mere Dadaji humein kahaniyaan
Sunaya krte the......... ☕-
कुछ कमी तो हममें ही होगी अब मैं रोज खुद को समझा रहा हूँ,, 💕
कोशिश है उनके काबिल बनने की तभी तो जिंदगी आजकल तन्हा बिता रहा हूँ॥ 💕.-
हमारी आखरी मुलाकात को,
पहली मुलाकात सा बना दो,
की तुमसे बिछड़ के,
ज़िन्दगी जीने का मलाल ना रहे....!!
💞❤️❤️❤️🤗❤️❤️❤️💞-
Ajib sa rishta nibha rhe hain hum dono barso sae....na voh kuch kehte hain or nahi hum....
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अच्छा सुनो...!!
जब भी मैं घर आऊ,
तो सबकी चाय में चीनी मिलना,
और मेरे कप☕ को बस,
अपने होंठो💋 से लगाना...!!
💞❤️❤️💕❤️❤️💞-
एक शायरी कभी तुम्हारी कलम से,
ऐसी भी हो,
जो मेरी हो, मुझ पर हो,
और बस मेरे लिए हो..!!
💞❤️❤️❤️❤️❤️💞-
ऐ सुनो ना..!!
तुम्ही आकर थाम लो ना,
मेरा हाथ,
सब ने छोड़ दिया मुझे,
तुम्हारा समझ कर....!!
💞❤️❤️💓❤️❤️💞-
वो रश्म,
वो रिवाज़,
वो वफ़ाओं का कारोबार,
सब छोड़ आना तुम,
मेरे बिखरने से ज़रा पहले,
लौट आना तुम..!!!
💞❤️💓❤️💞-
तारों में हजारों हैं
तुम किससे बात करती हो
किस तारे को अपना दादा जी समझती हो
वो तारा जो मुझे देख मुस्काता है
आखों से आँसू मेरे जब गिरते हैं
तब जो तारा टिमटिमाता है
हूँ अकेली यहाँ मेें ये जानकर जो रोज चला आता है
वो तारा जो सिर्फ मेरे लिए ही जगमगाता है
एक रिश्ता है जो आँखों से ज्यादा दिल को है पहचानता
इस लिए हजारों मेें वो एक तारा
मेरे दादा जी का है
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