Din Bhar Bhatakte Rahte Hain Armaan Tujhse Milne Ke,
Na Yeh Dil Thehrta Hai Na Tera Intezaar Rukta Hai.
Kin Lafzo Mein Likhu Main Apne Intezaar Ko Tumhein,
Bejubaan Hai Ishq Mera Dhhoondta Hai Khamoshi Se Tujhe.-
"बात सब्र की भी तभी तक है,
जब तक तेरा साथ मेरे साथ है,
तेरी ज़िन्दगी के कुछ पल ही तो मांगे है,
जिनको देने में क्यों तुझे कई मौसम लगते है..."??-
रफ्ता रफ्ता जिंदगी
रेत ही फिसल रही हाथों से
एक तेरे रुठ जाने के बाद,
जब तक चलती रहेगी सांसे
आंखें तलाशती रहेगी तुमको
मनाने कौन आयेगा फिर
आंखें बन्द हो जाने के बाद!
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लोग खुशियां ढूंढ रहे हैं आजकल
और मैं जीने की वजह,
छोड़कर चले गये थे तो चले ही जाते
तड़पाने को सामने आ जाती हो हरदफा!-
याद है मुझे आज भी
तेरा नजरें मिलाकर पलकें झुकाना,
नाराज़ मैं जब हो जाऊं
तो कान पकड़कर मुझे रिझाना।
देर से ही सही नजरों से बचकर सबकी
तेरा आने का वादा फिर भी निभाना,
खुद खाने से पहले तेरा
अपने हाथों से खाना खिलाना,
झूठ मूठ ही सही
मेरी हर हा में हां मिलाना,
मन में बेसुमार प्यार लेकर
चेहरे पर गुस्सा झूठ ही दिखाना,
हमसफ़र दिल की धड़कन मेरी
हर जन्म में यूं ही प्यार निभाना!-
मेरी सादगी काफी है
तेरा गुरूर तोड़ जाने को,
अदब चाहिए होता है
दिलों में घर कर जाने को!-
आज फिर चले गए वो यूं ही मुस्कुराकर
बिन कहे खामोशी से कुछ खास बता कर,
होठों पर उंगली रख कर चुप कर गए वो मुझको
ठीक नहीं दिल के रिश्तों में नुमाइश जता कर,
महफ़िल में बातें बस आंखों से होने दो
लफ्जों से हमदम ना कोई खता कर,
मुझको तुम खुद में शामिल रखो बस ऐसे
समंदर खुद में रखता है जैसे नदियां को समाकर!
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मन के भावों में बह चला
मैं पागल सा पथिक,
तू मुझ में यूं बसा चला
मेरे खुद से भी अधिक,
बेशक भूल रहा हूं
अब अस्तित्व मै खुद का,
मैं तेरा उजाला सा साया
और तु मेरा मनहित !
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जान मेरी बात बात पर
गुस्सा मत दिखाया करो,
दिल नहीं लगता बिन तुम्हारे
बस इतना समझ जाया करो!-