writer✍️ sajid 18 SEP 2020 AT 20:58 जाने कितनी ठोकरें लगायेगी ज़िन्दगी ज़िन्दा हैं जब तक ही रुलायेगी ज़िन्दगी कितने भोले हो खामखाँ उलझे पड़े हो बात मानो मेरी न हाथ आयेगी ज़िन्दगी समझते हैं इसको हम अज़ीज़ कितना पर बेवफ़ा है छोड़कर जायेगी ज़िन्दगी देके जवानी का लालच बचपन ये छीने फिर बुढ़ापे में बहुत सतायेगी ज़िन्दगी ज़िन्दगी को भाते हैं हम तुम सभी ही मगर किसी को भी न भायेगी ज़िन्दगी वफ़ा तुझसे भी न करेगी ये "साजिद" कभी तुझसे भी दूरी बनायेगी ज़िन्दगी - Nihshesh Krishna 21 AUG 2018 AT 1:39 आज बडी़ मुद्दत के बाद उनसे मुलाकात हुई, दिल तो नहीं पर आंखें जरूर भर आई... !! - Nihshesh Krishna 23 AUG 2018 AT 23:48 जिंदगी में कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती।।बस उसे पहचानने के लिए तजुर्बा चाहिए।। - Nihshesh Krishna 23 AUG 2018 AT 11:16 मंजिल तो उन्हें भी मिलती है, जो रास्ते भटक जाया करते हैं।।गुमराही तो वो होते हैं, जो घर से निकलते ही नहीं।। - Niharika Lakhera 12 DEC 2021 AT 11:16 महोब्बत इतनी करो कि, बेहद न बने.."खुदा" महबूब बने जाए...लेकिन महबूब "खुदा" न बने..!! - Niharika Lakhera 18 DEC 2021 AT 21:59 जिसकी.... सजा सिर्फ तुम हो..ऐसा कोई गुनाह....करना है मुझे..!! - Priyanka Maurya 13 JAN 2019 AT 18:07 ये शायरी के लफ्ज़ सबको समझ नहीं आते,ये उन्ही को समझ में आते है, जिनके दिल से होकर जाते है! - Anamika Singh 6 MAR 2020 AT 21:35 इश्क में उसके कुछ यू फनाह हो गए पता ही ना चला कब खुद के हाथों खुद ही तबाह हो गए - Anamika Singh 6 MAR 2020 AT 15:35 एक दिन जाना ही था जिसे उसे रोकने के लिए बबाल क्या करते आखिर पसंद भी तो हमारी थी खुद की पसंद पर अब सवाल क्या करते - Anamika Singh 7 MAR 2020 AT 10:07 उनको पाकर भी उनसे बहुत जुदा हैं समझ नहीं आता वो इन्सान हैं या खुदा हैं -