यूँ तुम्हारा मुझसे बार-बार टकराना महज़ इत्तेफ़ाक़ नहीं लगता,
अँधे हो क्या...देख कर नहीं चल सकते?-
13 MAY 2019 AT 22:10
18 NOV 2018 AT 16:43
Relatives jo bhi gifts and cash deke jaayeinge woh Sab mere honge😎
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21 JAN 2020 AT 19:20
Being a writer is not easy
You have to pile up all your emotions
You have to pen down all your emotions
You have to tolerate all the notions of readers-
18 NOV 2018 AT 16:34
I have an account on YQ App, please follow me and like all my quotes 😜
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31 DEC 2020 AT 18:52
गर खुली न ये आँखें सहर में तो क्या होगा
मदद कर ऐ ख़ुदा! हुए गुमशुदा तो क्या होगा
भूले हैं, भटके हैं, यूँ ही जिये जा रहे हैं
वापसी से पहले हो गए विदा तो क्या होगा
उलझे हैं नफ़्स में ऐसे कि महँगे लिबास हैं
मुफ़्लिसों की लगी बद्दुआ तो क्या होगा
फानी सी रंगीन दुनिया पे फिदा हो चले हैं
साँसें भी हो गई मौत पे फिदा तो क्या होगा
गर खुली न ये आँखें सहर में तो क्या होगा
मदद कर ऐ ख़ुदा! हुए गुमशुदा तो क्या होगा-