सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने,
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे अय्यातें,
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने-
निगाह और जबिन दोनों ही से सजदे होंगे,
रूह के साथ वहां दिल भी झुकते होंगे,
घटाएं रहमत की वहां रोज बरसती होंगी,
उंगलियां काबे की चादर को छूने तरसती होंगी,
बुझे दिलो को ताज़ा ज़मज़म कर रहा है,
ज़रा देखो रब्ब ए कायनात रहम कर रहा है,
सई करके सफा मरवाह की सुकून पा रहे है,
गुनाहों की गर्दिश मिटाने हुजूम ज़ा रहे है,
सनद हाजी की लेने तेरी बारगाह में बुला ले,
मौत सजदे में दे मुझे बक़ी में दफनाने बुलाले-
Mere pyare nabi (saw ) ke
Shaher mein kuch ho
⭐🌟 din ka guzar Ho🌟⭐
Sajde mein Mera sar Ho
Lab par Kalam -e- ilahi 😇
Aye khuda Meri wafat ka
Wahi din Muqarar ho🤲-
अपने लबों पे मुस्कान रहने दो
मेरे पास कोई शिफा - इ - दुआ नहीं है
ना करो जुदा दिल में ही रहने दो
मेरे पास कोई मक्का नहीं है !!!-
Uth ta hai kalam haath pe
Shan e khuda likhne ke liye.
Fir haath se kalam chut jata hai
Kya likhun khuda ke shan pe.
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Labbaik Allah humma labbaik,
Labbaik la sharika laka labbaik
Innal hamda Wan-ni'mata
Laka walmulk Laa sharika lak..........!!-
सिमट करके तेरी बाहों में ,मैं यूं बच्चा हो जाऊं,
जैसे भागीरथी सा मैं,
मिलूं अलकनंदा से तो गंगा हो जाऊं,
तेरा दीदार जैसे हज हो मेरे लिए,
हो अगर कोई जन्नत का तालीब,
तो मैं मक्का हो जाऊं.-