QUOTES ON #MAHARAJ

#maharaj quotes

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1 JUL 2021 AT 18:39

ज्याप्रकारे आपण शिवरायांचा इतिहास व कारकीर्द लोकांसमोर मांडत आहात ते वाचल्यानंतर मला मराठी माणूस म्हणून अत्यंत अभिमान वाटतो. मराठी माणसाचा अभिमान आणि स्वाभिमान म्हणजे महाराज ..

🚩जय भवानी जय शिवाजी 🚩

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5 AUG 2021 AT 21:28

आमचा अभिमान ही आमचे महाराज
आमचा स्वाभिमान ही आमचे महाराज 🚩🚩

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4 APR 2021 AT 11:23

Mr. Maharaj

अक्सर लोग पूछते हैं - कोई तो होगा
अक्सर दिल कहता है - काश..कोई होता.!

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27 AUG 2020 AT 20:35

Ek tu aur tera darbaar
baki sab mohmaya hai
"sarkar"

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12 FEB 2021 AT 23:51

Hug Day Special-
एका मुलाचं आणि त्याच्या वडीलांच नात तस अनोखंच,
पण ह्याचीपेक्षा अलोकिक क्षण म्हणजे बापलेकाची गळाभेट..!
मुलाच्या मनातला आदर आणि वडिलांच्या मनातल प्रेम,
ह्यातला हा मिलाप बघायला मिळण तस दुर्मिळच्..!
मनातल्या सगळ्या भावना मुलगी बिनधास्तपणे वडीलांसमोर व्यक्त करते.
पण मुलाचं तस नसतं वडिलांचा आदररुपी धाक नेहमीच मनात असतो.
म्हणूनच, तर उनाड, अल्लड आणि नासमज मुलगा,
बाबांची तब्बेत थोडी जरी खालावली तर
लगेच संपूर्ण घराची जबाबदारी घेतो, समजूतदार होतो,
एक वडील बनून आई, बहीण आणि घराला सांभाळतो ,
त्याचा हा बसलेला भाव पाहून वडिलही भावूक होतात,
आणि वडिलांना आधी सारखं बर झालेलं पाहून,
मुलगा बाबांना कित्येक वर्षांनी पहिल्यांदाच त्यांना घट्ट मिठी मारतो..!
तोच खरा Hug Day..!

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11 DEC 2019 AT 12:10

इस मिट्टी को हम युही पावन नहीं कहते...
मिट्टी के लिए कई खून हमने बहाये है...
रोम-रोम मे यहाँ हमारे " छत्रपती " समाये है...

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8 JUL 2019 AT 9:31

অত ক্রাশ টাশ বুঝি না বাপু, তবে ভালোবাসা, আবেগ, দুর্বলতা, সম্মান সবকিছুই এক লহমায় যার জন্য এসে যায় সেটা দাদা। আবার বাবা ছাড়া যদি আমাকে মাঠমুখী করার পিছনে যদি কেউ থেকে থাকে সেটাও তিনিই, এখনো যার হাসি আমাকে পাগল করে দিতে পারে সেটাও সৌরভ গাঙ্গুলী। আজ দাদা ৪৭, কিন্তু আমার কাছে ২৭ এখনো। জানি দাদাকে নিয়ে আমার পাগলামিটা পাহাড়প্রমাণ, কিন্তু তাতে কে কি ভাবল আর কে কি বলল কিছুই যায় আসে না আমার। ১২ বছর আগে থেকে ডায়রিপাতায় আটকানো পেপারকাটিং থেকে শুরু করে এখনো অবধি দাদা যা করেন সেটাই ভালো, সেটাই ঠিক আমার কাছে, আর যা করবেন সেটাও অন্ধের মতন সাপোর্ট করব জানি।শুভ জন্মদিন মহারাজ। ভীষণ ভালো থেকো।♥️😍

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11 NOV 2020 AT 6:35

पहले कोंग्रेस की होली बिगड़ी,
इस बार दिवाली.....

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19 DEC 2018 AT 13:10

Mai deewana..mere munh naa lago

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10 FEB 2021 AT 12:57

बेफिकीर नाचवली गेली नारी असंख्य शत्रूंच्या दरबारात
पण, जिथे वाचवली अब्रू तो "छत्रपतींचा" दरबार होता.
जिथे मुघली बडी बेगम माजवे अन्यायाने हाहाकार..,
पण, "रयतेस सांभाळा" हा "जिजाऊंचा" संस्कार होता.
जिथे लचके तोडण्यास हपापलेले मुघल दाखवी धार,
पण, त्या भगव्यास "येसूबाई" साहेबांचा आधार होता.!
केला असेल छळ त्या औरंग्याने हैवानासम निर्दयाने,
पण, एका काव्यानेच केला तो "धाकल्याधन्याचा" प्रहार होता.!
❤️❤️ Vigorous Vibsss❤️❤️

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