तहज़ीब, ढूंढते हुए कभी, शाम-ए-अवध आ जाना
धूप, अफीमी लगेगी..
हर शख्स.. नवाबी मिलेगा !!-
उत्तर प्रदेश की काशी पवित्रता इसकी रूह हैं
जिस्म इसकी संस्कृति श्रृंगार इसका सुकून हैं
घाटो से संवरती है ये लहरों से निखरती हैं
महादेव के आशीर्वाद से ये नगरी हर पल चमकती हैं-
खुद खुदा और तकदीर से
मैं नहीं लड़ता
कोई आए कोई जाए
ज़िन्दगी में मेरी
अब मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ता!-
(ॐ)
शिव से जुडकर अब, किसी से न जुड पायेंगे
चलेंगे तेरी राह ...अब, मुडकर न देख पायेंगे-
हज़ार ख़्वाहिशें...
कुछ- यूँ ..दम तोड़ गई !!
ज़िन्दगी की..
कोरी किताब पर..
इक, क़लम छोड़ गई...-
खामोशियाँ, इश्क की पहचान है .....
रोड ट्रिप तो मुस्कुराने का इक बहाना है🤘-
मेरे अल्फ़ाज़ ...
..उसूलों के आगे, अक्सर, ख़ामोश रहे..
ग़र इश्क़ है.. तो, मुझमे अपना ज़िक्र ढूंढ ले!!-
बारिशें गुज़र गई..... इक धूल भरी शाम फिर चली
सैकड़ों इल्जाम से बदनाम हुए हम...
तुम शहर भी आए, ख़बर भी नही!!-