मासूम थी मेरी खुशियां यूँ करके तारीफियां तेरी
तुमनें तो एक दफा में ही कह दिया अब बस भी करो-
चेहरे पर रख कर नकाब क्यों दिखाती हों।
होकर किसी ओर का हम पर हक़ क्यों जताती हों।
हमारे बीच कुछ है ।
या दुनिया कि वजह से छुपाती हों।
🤣❤️-
माना कि मैं किसी को पसंद नहीं,
मगर मुझ जैसा भी-
किसी किसी के नसीब में नहीं होता।-
इशारे समझना हर किसी के बस की बात नही "रंडवो"
.
शादी-शुदा "आदमी" मे ये गुण बाद मे आते है!-
Unke aankhon ki chamak chehre ki maasumiyat asli hai ..
Kisi aur ki to baat nahi meri waali dil ki bahut achhi hai....-
Ufff
Teri yeh masoomiyat bhi kamaal hai
Chura ke dil mera yeh puchti hai
Ki kya haal hai.....-
Yaad ata he aj wo Barish,
Jab bhig Jane ka dar nehin,
Chahat tha man me
Kagaz ki kashti banane ka.-
नूर तो मासूमियत से है..
समझदारियों में रिश्ते टूट से जाते हैं ।-
Bachpan se jawani tak ke safar mai ek cheez toh sabki badal jaati h, maasomiyat.....
-
मासूमियत की इंतेहा तो देखो यारों,
मेरे प्यार की खबर सारे शहर को थी सिवाय उसके ।-