Do you know? 😌
A new poem is created with the same title "You are Mine "when I think about you❤
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कुछ भी कह पाना मुनासिब नहीं होता,,
गर दिल में प्यार हो तो नफरत वाजिब नहीं होता,,
कि टूटे दिल की चुभन क्या होती है,,
ये बस उससे पुछो जो मुसाफिर नहीं होता,,
कि चले हैं सफर पर जिंदगी के तो,,
सांसें रूकने पर,,ठहर जाना कोई साजिश नहीं होता।।-
एक दिन चौककर जिंदगी
मुझसे पूछ ही बैठी-
बताओ ना... क्या राज है,
तुम्हारे इस बेबाकीपन का...?
अरे, मैं तुम्हे कितने जख्म देती हूं,
कभी-कभी तो उन जख्मो पर नमक भी छिड़कती हूं...
हाँ, तुम कुछ देर दर्द से कर्राहते हो,
पर फिर लड़खड़ाते लड़खड़ाते चलने लगते हो...
तुम्हारा अंतर्मन कितना भी वीरान क्यो ना हो...
एक पल तुम्हारे चेहरे पर पतझड़ सा जरूर छा जाता है,
मगर दूसरे ही पल उसपर हरियाली सी बहार आ जाती है...
आखिर कैसे...?
मैने भी फिर हँसकर कटाक्ष से उत्तर दिया-
सुन ऐ जिंदगी,
पल दो पल की बात नही ये
बरसो के रियाज का नतीजा है...
उस्ताद-ए-वक्त ने हमे
बखूभी तर्राशा है...।-
लोगो को धीरे धीरे समझने लगे है हम
खुद से खुद की बाते करने लगे है हम
यकीन सब पर कर के देखा करते थे हम
अब खुद पर बस यकीन करने लगे है हम
बहुत लोगो ने हमें तोड़ा है अब खुद को
खुद से प्यार करना सिखाने लगे हैं हम
कि बहुत गलती अब उसको सुधार रहे हम
मासूम सा दिल हमारा बहुत रोता था
अब अपनी मासूमियत खोने लगे हैं हम
हक नहीं देंगे किसी को अब अपना दिल
दुखने का खुद से मोहब्बत करने लगे हम ❤️-
कभी सोचा नहीं था,मौसम फिर से बदलेंगे।
कि हम फिर से हंसेगें,चेहरे फिर खिल उठेगें।
खूबसूरत रंगों में,जिंदगी को रंगेगें।
वक्त के साथ ये,जख्म खुद ही भरेंगे।
एक नयी आस से,गहरी सी सांस से
जिंदगी के नये,पन्ने हम खोलेंगे।
कोरे कोरे मेरे,सपने अब न रहेंगे
आशा की रोशनी के,दीप मन में जलेंगे।।
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A- For Aitbaar B-For Bharosa C-For Chahat
D- For Dosti E-For Enayat F- For Faisla
G- For Gum H- For Hamdardi I- For Intezar
J- For Justju K-For Khayal L-For Lamhe
M- For Mohabbat N- For Narazgi O- For Ooh!
P- For Pyar Q- For Qismat R- For Rishta
S- For Samjhota T- For Tamanna U- For Umeed
V- For Vishvas W- For Wada X- For cuse
Y- For Yadein
Itna sab khuch mil kr banti hai
Z- For Zindagi.
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ओ मेरी प्यारी जिंदगी!
मेरी सर्वप्रिय शिक्षक तुम हो और मैं पूरी निष्ठा व लगन के साथ तुम्हारा प्रिय शिष्य बनना चाहता हूँ।-
हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह तो कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
तो पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है,-
लकीरें अपने हाथों की अब हमको बनाना आ गया ,,
मुश्किलों के सामने अब हमको टकराना आ गया ,,
रफ्ता रफ्ता जिंदगी जो मेरी, रहने लगी उदास थी ,,
जिंदगी में रोते रोते अब हमको मुस्कुराना आ गया ,,
📖✍ जोगेंद्र पँवार 📖✍-