तुम्हें मोहब्बत करते हुए भी मुकर गए हैं हम,
तुम्हें कुछ कहने से भी रुक से गए हैं हम,,
अफ़सोस है मुझे इस बात का,
कहीं खो न जाए तू,
इस दुनिया की भीड़ में,
इसतरह डर से गए हैं हम,,
ये केसा याराना है तेरा,
जो पल दो पल की खुशियां देकर,
बेगाने हो गए हैं हम,,
मेरी तो ये जिंदगी भी खफ़ा हैं शायद,
जो जिंदा होकर भी,
तेरे लिए मर से गए हैं हम,
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