याद आती है वो पिछली दीवाली
अपनी पहली दीवाली
हाँ, नजदीक नहीं थे हम
पर साथ थे हम
कुछ बचपन की बातें थी
कुछ आने वाले कल की
कुछ दिल की ख्वाहिश थी
कुछ हिचक थी
आयी है अब वो दीवाली
नजदीक नहीं है अब भी हम
पर साथ जैसे फूल और खुशबु
न हिचक है न कुछ बीती बातें
बस प्यार बसा है मन मे
अपना और अपनों का
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