चंद महीनों से कुछ लिखा ही नहीं,
लेकिन लिखना दिल भूला नहीं|
मसरूफ़ थी ज़िन्दगी कुछ और ही उलझनों में,
पर यह इश्क पुराना दूर हुआ ही नहीं|
आज उस डायरी पर यूँ ही नज़र पड़ गई,
उतावला यह मन फिर माना ही नहीं|
समझाया बहुत पर वह कहने लगा,
डायरी यह, मेरी है पहली मोहब्बत..
क्योंकि हमदर्द इस जैसा यहाँ है ही नहीं|
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