न आया जीने का सलीका कभी,
मैं जीता रहा जिंदगी मयकदे में।
लोग जाते रहे मस्ज़िद मजारों पर,
मैं ढूंढता रहा खुदा मयकदे में।
तुम रोये तो क्या रोये, तकिये में सर छिपा के,
मैं रात भर रोता रहा मयकदे में।
तुझको लिखता था,पढ़ता भी था तुझी को,
कल तुझको ही पीता रहा मयकदे में।
सुलझे भी हैं और उलझन भी है,
तड़प भी मिटी, और तड़पन भी है,
यही सोचकर मैं निकला था घर से
अब मिटेगी सारी तलब मयकदे में।
वक़्त की आंच में सब सुलगता रहा,
मौत आने से पहले मैं मरता रहा,
अब मुझे ढूढ़ने में वक्त जाया न कर,
रब के लिए अब नुमाया न कर।
चला जा रहा था बेजान सा मैं,
जान आयी तो बैठा था मयकदे में।।— % &-
Personal- Neither a writer nor a influencer just trying to le... read more
जोड़ता रहा हर्फ़ दर हर्फ़,
बड़े इत्मिनान से ख़ुद को,
हवा के एक झोंके से,
फिर बिखरने लगा हूँ मैं।-
उफ़्फ़...
ये ताश के पत्तो की तरह बिखरी हुई जिंदगी को समेटना और फिर खुद बिखेर देना।-
अब इसे जलन समझ या मेरी नासमझी साकी,
दर्द होता है कि तेरे हमयार हजारों हैं।
ऐसा मुमकिन भी नही कि
चाँद की रोशनी से सिर्फ हम ही हो रोशन,
के जब उस चाँद पे मर मिटने को तारें हजारों हैं। 😢-
अगर आपको सीता मैया जैसा जीवन साथी चाहिए तो आपको प्रभु श्री राम जैसा बनना पड़ेगा।
परन्तु दोनों ही बातें असम्भव हैं, इसलिए सामने वाले इंसान की कुछ गलतियां नजरअंदाज या माफ कर देनी चाहिए। परन्तु साथ मे ये भी ध्यान रहे कि आपसे कोई ऐसी गलती न हो जाये जिससे सामने वाला इंसान टूट जाये।
Trust Me:- रिलेशनशिप कभी कमजोर न होगा।-
बहुत कुछ चाहता हूं मैं,
हां तुझे भी, पर और बहुत कुछ,
प्यार है तुझसे बेशुमार,
पर चाहता हूं, बेदाग सा
पवित्र इश्क़ हो हमारा,
न हवस की जगह हो और न
न ही हो हैवानियत,
न हो कहीं लफ़्ज-ए-बेवफाई
हो तो बस पाक मोहब्बत।
हो मेरे दिल पे तेरे इश्क़ का
वो बेपनाह सा असर,
की जब चूमने का मन हो,
मेरा, बस तेरा माथा आये नजर।
न छुवन चाहता हूं, और
खुदा क़सम न ही बदन तेरा,
इश्क़ चाहता हूं, और बस
मेरे लिए ही हो जन्म तेरा।।
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आंखों की गहराई, होंठो पे लिपस्टिक का नामों निशां तक नही, बस सुर्ख और गाल की चाँद छोड़ रहा हो अपनी चांदनी इसपे, लव जो खामोश हैं, फिर भी गुफ्तगू कर रहे लगातार।
मेरे हर सवाल का जवाब तेरे पलकों में छिपा हो जैसे। सवाल जो शायद पूछें ही न मैंने आज तक किसी से, और शायद.... शायद कभी पूछ भी न पाऊं, तुमसे भी नही। फिर भी जैसे तेरा हर लफ्ज़ दे रहा हो मेरे अनकहे सवालों का इंच इंच जवाब। कुदरत ने जैसे मेरे लिए ही बनाया हो तुझे, मुझे सुलझाने के लिए, और मुझे बस तेरी उलझी जुल्फों में खो जाने के लिए🙏😘-
....और हां जिसके काबिल मैं हूं ही नहीं उससे प्रेम करना खुद से छल मात्र है..
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तेरे सांसों की गर्मी से पिघल जाएंगे।
इधर, उधर या फिर किधर जाएंगे,
गर आएंगे तेरे पास, तो
तेरे बाहों में ही ढल जाएंगे।।-