MOVING ON
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अलफ़ाज़ उनके अधूरे सही
मगर कहानी तो सच्ची है
यादों में शामिल है उनके आज भी
हर एक बात वो इतनी पक्की है-
उनका हसना हमेशा तुमसे ही आखिर में क्यों जुड़ता है
इंतज़ार उनका हमेशा तुमपर ही आकर क्यों थम ता है-
ऐ मौत,
बहुत शिकवा है तुझसे,
इतना भी रूठा क्यों हैं सबसे,
तू बस ज़िन्दगी में,एक बार ही आता हैं,
और तू सारी खुशियों को समेट कर,
ले क्यों जाता है💔-
कही न कही आज भी शामिल है वो तेरी कहानी में कही
यूँही नहीं ढूँढ़ती तेरी निगाहें आज भी उनका अक्स यही-
ना जाने,,किस बात पर...
इतना इतराते हो तुम,,
चोट खुद देते हो,,...और फिर,,
....गले लगाते हो तुम!!!-
कभी कभी ,,
दिल को बहला देना ही...सही रहता है,,,
......"हर ज़िद सुकून नहीं देती"!!!
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आज भी देखते है वो पलटकर उन यादे को तो इंतज़ार का निशान आज भी झलकता है
उनकी कहानी के पन्नों में आज भी एक पन्ना इंतज़ार के नाम का मिलता है-