QUOTES ON #LADDUGOPAL

#laddugopal quotes

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30 APR 2019 AT 0:05

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11 AUG 2020 AT 8:49

जहां पाने की न चाह हो
न खोने का कोई डर हो

बस सुनूं मैं उसकी बंशी
ऐसा ही एक धाम चाहिए

जहां मित्रों का न जाल हो
न हो शत्रु से कोई ईर्ष्या

बस रिश्ता हो मेरा श्याम से
एक उनका ही नाम चाहिए,,


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30 AUG 2021 AT 11:25

माखन चुराकर जिसने खाया ...
बंसी बजाकर जिसने नचाया ....
खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की ...
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया ... !!

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11 AUG 2020 AT 10:10

मेरे जीवन की परिभाषा कृष्ण
अंदर कृष्ण बाहर कृष्ण
जीने का उद्देश्य कृष्ण
मरने की भी आशा कृष्ण!!

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31 DEC 2020 AT 8:54

हाँ ..तीव्र ताप से तपती
काँपते कदमों से ,असहाय बन
आपसे दूर हो गई.. हे कान्हा ..🙏
अथाह आँसू अँखियों में भर
बहुत दर्द हुआ ...😢😢
खुद ही जी भर रोया ..कान्हा

पहली बार अपने हाथों से बुना
शॉल व टोपी पहनाकर
निहारा था ..नयन भर निहारा था
व जी भरकर रोया था
कंगूरे लगाना ना आया ..हे माधव 😢
ना ही सितारे टाँकना
अनभिज्ञ मेरे हाथ ..प्रभु
पर वात्सल्य भक्ति पर
आपने भी रोया होगा ना कान्हा
व मुझे दूर जाते देखकर
अपने आशीर्वाद का हाथ
रखा होगा ना ...🙏🙏
@Vibhu_Shukla



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30 AUG 2021 AT 1:07

क्या आभा क्या रूप हैं
माखन से सना स्वरूप हैं
मेरे ठाकुर का
आज घर-घर में सजी झांकी हैं
क्या उत्सव क्या खुशी हैं
मेरे ठाकुर का
अनेकों पकवान और मक्खन है
56 भोगों के सम्पूर्ण भंडार है
मेरे लड्डू गोपाल का
हर घर में भुखे-प्यासे नर-नारी हैं
आज जन्म दिवस मनाने की बारी हैं
मेरे ठाकुर का





Happy Birthday 🎉 Thakur ji
-G.D.Jangid

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18 AUG 2019 AT 10:57

नंद के लाला
ब्रज के बाला
कान्हा , माखनचोर 🙏
जल्द पधारो , द्वार हमारे
झूला झूलावन को
मन विभोर 🙏

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22 AUG 2021 AT 22:50

मैं तुमसे वैसे ही जुड़ चुकी हूं जैसे, कोई वृक्ष भूमि से जुड़ा होता है.. तुमसे अलग होकर मेरा अंत निश्चित हैं...!!!

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18 AUG 2019 AT 16:26

राधा जी का जवाब ...

गर आप बन बनवारी मेरे घर आएँगे
मैं राधिके बनकर दिल चुराऊँगी...
मेरी चतुर सखियाँ सारी
बरबस मुख में माखन लगाएँगी
माखन चोर आपको ही बनाएँगी

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"रूप माधुरी"

रूप रस खान जाके मृग दौ नैन,
देखत दिन रैन चैन भूल जावत है।

श्यामल रंग जाको शशि सम शितल,
सब अंग रंग पर बलि बलि जावत है।

पद पंकज जब जब छुअत पालनौ,
जगत तरु सब खिलि खिलि जावत है।

लोक। परलोक बस गीत गुजत एक,
सब श्यामा श्याम की रटन्त लगावत है।

मानो किसी उपवन मे महकत पवन,
लता औरु पुष्प सब मन्द मन्द मुस्कावत है।

निरख छवि मेरे राधा दमोदर कि,
रूप रस माधुरी की आरती उतारत है ।



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