जो ख्वाब की उम्मीद रखे बैठे,
उन्हें हकीकत क्या रास आएगी,
अंधेरों में बुझते दिये
दीवारों पर सजाए चेहके,
लौ अपने आप थोड़ी ना जल जाएगी।।
- पूजा गौतम-
रुक जो जाती पल भर थकान मिटाने मैं,
तो बढ़ने के विचार ना बना पाती,
मन की लहरों को रोक आती,
तो कुछ करने की जिज्ञासा में कैसे भीगती,
तितली बन ना दुनिया में उड़ती,
तो हवाओं से संपर्क कैसे साधती,
जो मिट्टी की मूरत को ना पूजती,
तो प्रकृति से संपर्क कैसे बांधती,
सूरज की तपिश में झुलसती नहीं,
तो मेहनत के पसीने को ना समझ पाती।।
- पूजा गौतम-
हजार बार टूटता , बिखरता ,
फिर छोटे से शुरूआत करता है,
देखकर उस कुम्हार की मेहनत,
आज वो रस्सी भी चट्टान को घिसने की हिम्मत रखता है।।-
हम भी जिद्दी हैं,
हमारे इरादे भी जिद्दी हैं,
देखते हैं इस जिद्द के खेल में,
मंजिलें कितनी जिद्दी हैं।-
जाल फेंकने का तरीका है बस साहब,
किसी को छोटी मछली भी नसीब नहीं,
किसी को जलपरी हाथ है आ जाती ।।
दिमाग और सोच का तरीका,
अमीर को गरीब,
और गरीब को अमीर,
है बना देता।।
- पूजा गौतम
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डटकर पसीना बहाना
पसीने की कीमत जानना
चुपचाप काम करना
और काम से शोर मचाना-
जिंदगी के दर्द को स्वीकार कर और समय पर रखना तू हमेशा भरोसा फिर देखो दुनिया भी तुम्हारे ज़ख्म पर मलहम लगाएगी......
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