Anuradha Singh   (Anuradha Singh)
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Joined 10 June 2019


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Joined 10 June 2019
9 HOURS AGO

नहीं है मेरे पास कोई कीमती उपहार,
नहीं है मेरे पास कोई महफ़िल की बारात,
है तो मेरे पास सिर्फ तुम्हें देने के लिए जन्मदिन की शुभकामनाएं,
है तो मेरे पास सिर्फ शब्दों की बौछार,
रहो सदा खुश तुम करो सदा अपने जीवन में तरक्की तुम,
ना हो कभी उदास तुम ना हो कभी परेशान तुम,
मेरी दिल से यही दुवाएं हैं तुम्हारे लिए
मेरी यही आशा है हमेशा के लिए।

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10 HOURS AGO

I am innocent in picture🖼️
but not in real. 😁😄

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10 HOURS AGO

अब तो चाँद भी मुझसे मुँह फुलाकर बैठा है,
मैंने कहा चाय लाई हूँ तेरे लिए ले इसे पी ले,
तो कहता है जब तक तेरा सनम तेरे पास वापस नहीं आयेगा,
तब तक मैं तेरे हाथ से ना कुछ खाऊँगा ना कुछ पियूँगा,
अब कैसे समझाऊँ उसे मैं उसे गए तो जमाने बीत गए,
अब वो कभी वापस नहीं आयेगा कभी अपनी आहट को मुझे महसूस नहीं करायेगा।

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11 HOURS AGO

And the window is a shadow of your memories.

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11 HOURS AGO

उनकी यादें आकर हमें रोज रात में सताया करती हैं,
वो बात नहीं करते मगर उनकी परछाई रोज हमें अपना परिचय देती हैं।

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14 HOURS AGO

आज क्या है उसको जान समझ कर सूझ बुझ से निर्णय लो,
कल का सोचकर अपना आज मत खराब करो,
इर्ष्या द्वेष सब यहीं रह जायेगा जितना हो सके सबको प्यार बाँटो,
किसी के दुःख की वजह बनने से बेहतर है किसी के चेहरे की मुस्कुराहट बनो।

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15 HOURS AGO

सच्चे दिल वाले अक्सर इल्जामों तले दबे रहते हैं,
मकान हो उनका कितना भी ऊँचा भले,
फिर भी वो सबको कुड़े के जैसे दिखते हैं,
चाँदनी रात हो उनकी कितनी भी सुहानी,
फिर भी वो हमेशा हानि में ही जिया करते हैं,
वो भले ही निःस्वार्थ सबके लिए अपने आपको कुर्बान कर दें,
मगर फिर भी लोग उनको छोटा और तुक्छ ही समझा करते हैं।

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21 HOURS AGO

तेरे साथ साइकिल का सफर मुझे अच्छा लगता है,
तेरी आँखों से सुंदर दुनिया को देखना मुझे अच्छा लगता है,
तेरे साथ शांत राहों पर चलना मुझे अच्छा लगता है,
तू है गरीबी में भी मेरे साथ वफादार तेरा ये स्वभाव मुझे अच्छा लगता है।

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21 HOURS AGO

हवन कुंड में अक्षत की आहुति दे आज मैं किसी और की हो गई,
गले में अपने मंगलसूत्र डाल आज मैं किसी और के बंधन में बंध गई,
मांग में अपने सिंदूर भर आज मैं किसी और की गुलाम हो गई,
पैरों में अपने पाजेब पहन आज मैं किसी और की बेड़ियों में जकड़ गई,
हाथ में अपने चुड़ा पहन आज मैं किसी और के घर की खनखन बन गई,
तन पे अपने लाल जोड़ा पहन आज मैं किसी की दुल्हन बन गई,
जग के सारे सोलहो शृंगार कर आज मैं किसी और के घर की शोभा बन गई।

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YESTERDAY AT 7:35

जब जीवन का रोजी रोटी इसी से है चलाना।

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