एक दिन टूटकर हर कोई बिखर जाता है,
जब उसका आत्मबल जवाब दे जाता है,
कितना लड़ेगा वो खुद से अकेला,
इस सवाल का जवाब वो हर दिन खोजा फिरता है,
एक दर्द मे तड़पता व्यक्ति हर दिन खुद को कोसा करता है।-
किया था बहुत भरोसा उस रब के ऊपर,
पर मेरी किस्मत का तमाश... read more
थामा है जो हाथ मेरा जवानी में तो बुढ़ापे तक साथ निभाना,
चाहे दुःख हो या सुख तुम मेरी हरदम परछाई बनकर चलना,
कभी मैं तुमको मनाऊं कभी तुम मुझको मनाना,
ज़िंदगी के इस सफर में
कभी तुम मेरा हाथ थामना कभी मैं तुम्हारा हाथ थामू,
हँसते मुस्कुराते जीवन के इस लम्हे को ऐसे ही खुशी खुशी जीना।-
तजुर्बा कहता है हमारा,
धीरे धीरे दर्द बढ़ता गया और मुस्कुराहट चेहरे पर आता गया,
मैं तन्हा इंसान धीरे धीरे सबसे एक वक़्त के बाद दूरी बनाता गया।-
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हम टूटकर भी जुड़ जाते हैं,
जब अपने हमें गले लगाते हैं,
हम बिखर कर भी सिमट जाते हैं,
जब अपने हमें समझ जाते हैं,
हम नियति को भी कोसना बंद कर देते हैं,
जब अपने हमें खुद का मित्र समझने लगते हैं।-
Justice ab injustice ho gaya hai,
Boys ka ab patta kat gaya hai,
Girls ka ho gaya hai khel,
boys ka ban gaya hai rail,
Nau din ho gaya hai girls ka,
Ek din ho gaya hai boys ka,
Nau din girls puji gai,
Ek din boys jalaye gaye,
Shurpanakha ke shadyantr me,
Jala diye gaye dusherra ke yantra me.
😅🤣😝😄😆🤪😀😃😁😬😂-
कभी ढलते सूरज की तरह ढल जाते हैं,
कभी उगते सूरज की तरह उग जाते हैं,
कभी सावन की तरह खिल जाते हैं,
कभी पतझड़ की तरह झड़ जाते हैं,
कभी चाँद की तरह चमक जाते हैं,
कभी तारे की तरह मद्धम हो जाते हैं,
हमारी ज़िंदगी की कहानी भी अजीब है साहब,
कभी खुल के हँस लेते हैं,
कभी चुपके से रो लेते हैं,
कभी ज़िंदगी के साथ चल देते हैं,
कभी वक़्त के साथ रुक जाते हैं।-
कुछ बेपरवाह लोगों के चलते हमारा देश गुलाम हो गया,
बेकसूरों को फांसी कसूरवारों को सर का ताज मिल गया।-
चेहरे पे चेहरा लगाए फिरते हैं लोग,
जाने कैसे खुद शरीफ बताये फिरते हैं लोग,
एक पल भी खुद का भरोसा नहीं,
फिर भी जाने क्यों सबका भविष्य बताये फिरते हैं लोग।-