उसकी धड़कनें कुछ वक़्त के लिए थमती होंगी
जब उसकी निगाहें मेरी शायरी से गुजरती होंगी-
कुछ ख्वाइशें दबाए इस दिल में,
जब रोज सुबह मैं उठता हूँ
ख़्वाबों के मन्ज़र को समेटकर
दिल की सतह मैं लिखता हूँ
मिले थे हम तुम जहाँ पहली दफ़ा
फिर से वही जगह मैं लिखता हूँ
नाराज है गर तू मुझसे तो तुझे मनाऊँ कैसे
खत में मोहब्बत की अब सुलह मैं लिखता हूँ
वापस आकर मेरे दिल के अंधेरे को उजाला करदे
आज मिलने की फिर कोई वजह मैं लिखता हूँ
कुछ नहीं तो,तेरी मोहब्बत लिखना सिखा गई
यादों को इकट्ठा करके काव्य संग्रह मैं लिखता हूँ-
यूपी में पुलिसवालों को ठांय ठांय मुबारक
15 लाख न पाने वालों की हाय मुबारक
2019 में आने वाले महाचुनाव से पहले
मोदी जी को अन्तर्राष्ट्रीय चाय मुबारक-
आंसू जानते हे कोन अपना है,
तभी अपनों के सामने निकलते हैं ।
मुस्कराहट का क्या है,
गैरो से भी बफा कर लेती है ।-
Dekho jara Ye kya tamasha hai,
Kahi dil tu pagal toh nhi hai.
Dhadkan sambhal apni jo rukne ko hai,
Ja chuki hai wo kya ahsaas tuje nhi hai.-
अब थकान मिटाने के लिए नहीं सोता हूँ
अब तुझे ख़्वाब में पाने के लिए सोता हूँ-
तेरा फ़ितूर ऐसा चढ़ा है,
कि उतरने का नाम नही लेता।
बस सोचती हूँ शामों-सुबह तुझे,
शायद अब मुझे कोई काम नहीं रहता।
©nehhuu-
हालत देश की सागर से सूखी लेक हो गई
जनता से जो बातें कीं वो अब फेक हो गईं
राफ़ेल डील के घोटाले में बचने से वो बोले
CAG रिपोर्ट में जरा टाइपिंग मिस्टेक हो गई-
नींद से ख़्वाब में न पाने की साजिश कर रहा हूँ मैं
तुझे अब मुक़म्मल भुलाने की कोशिश कर रहा हूँ मैं-