ज़िंदगी जिये जाना भी कैसी मजबूरी है,
ख़्वाहिशें हज़ार, पर कमबख्त सभी अधूरी है..!!!-
So gye hain ehsasat_mohabbat ki tamanna odh kar,
Ke ab dil bhi Pehle C Khwahish nhi rakhta..!!-
मैं चाहता ही नही किसी की हाँ या न बनना
अरे मेरी तो दिली ख़्वाहिश है आइना बनना-
अगर कभी किसी
अच्छे भले इंसान के दिल को
टटोलकर देखोगे तो
बेशक एक कहानी मिलेगी
की जो पूरी नही पर
अधूरी ही होगी !
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ख्वाहिशों के महलों में...
रहने से अच्छा है...
जरूरतों की गलियों में...
एक छोटा सा घर बनाना...-
ग़र "कलंक" भी हो,,,तो खूबसूरती से सँवारना पड़ता है..
अब आसमां की तलब में "चांद" तो बनना पड़ता है..!!-
Pyar humesha se hi Khoobsurat raha hai.........Daag to usme khwaisye lgati h
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जिम्मेदार जब होता हूँ
तो कोई देखता नहीं
करता हूँ जिद्द ख्वाहिश की
तो लोग लापरवाह कहते हैं मुझे |-
ख्वाहिश Fact
इंसान की ख्वाहिश जीते-जी पूछी तो जाती है
मगर पूरी करने के लिए ख्वाहिशें तलाशी जाती है
मरने के बाद!-
Mangna to bahut kch tha us khuda se ..........lekin ek tmhe dekr khuda ne meri saari khwaishe puri kr di
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