Jis Tarah Khawab Hoe Honge Rezah-Rezah (ریزہ ریزہ) !!
Maula oss Tarah Tot Kr Koi Bikhre na Etna Sabr Den !!-
Wo Sayad Bhot Khoobsurat Hai Jise Maine
Kabhi Dekha Hi Nahi Wo Bhot Bolti Hogi Lekin Use Maine Kabhi Suna Hi Nahi Pyar Ho Gaya Mujhe Usse Sirf Uss Chehre Ko Dekhna Hai Jise Maine Kabhi Dekha Hi Nahi Wo Khawab Hai Mera Jise Haqiqat Me Mai Kabhi
Mila Hi Nahi-
अपने शहर से दूर कौन खुश रहता हैं
कुछ मजबूरिया होती जिसके
डोरी से बंधे होते हैं!!
खुद की खुशियाँ ढूंढते_ढूंढते
बेजार होगाए हैं
जिंदगी एक सवाल थीं
मगर अब जवाब माग रही हैं!!
रिश्तों में ऐसे उलझे की
खुद का बाजूद खो दिये हैं
अब तो ख्वाबों ने भी मुझसे
मूंह मोड़ लिये है!!
यूं तो ख़ामोशी ने अपना हक़ माग लिया
तो लफ्जों के बारे में क्या कहना
जब अपना हाल का खबर न हो
तो दूसरे के बारे में क्या कहना!!
जिंदगी के मुश्किल राह पर है "नाजिया"
जहां हर कदम पर टूटे ख्वाब मिल रहें हैं!!
-
मुझे पढ़ने की जल्दी मालूम पड़ती है ,
देखो आउट ऑफ सिलेबस हूं मैं ,
पहले तुम ग्रेजुएट तो हो जाओ।
बगैर अल्फाजों की किताब हुँ में ,
वो हुनर ले आओ जिससे पढ़ सको ,
दर्द अश्क ख्वाब नींद इंतजारी जाने क्या क्या है पास,
देखो जरा कुछ ले ना आना।
ऐ किस हुनर का गुरूर है तुम्हें ,
इश्क ऐ दौर से गुजरा हूं मैं ,
पत्थर जो पत्थर का पत्थर ही रहा।-
Ye aankhe bhi meri
kitne saare
khawab dikhati hai,
Jab roti hai
tanha akeli
raaton me ,
to saare khawab
baha le jati hai.-
और हिस्से में मेरे तो बस रात ही आई,
दिन,चैन,सुकून, इश्क के आते ही चले गए।-
सवेरा और होता नहीं मेरा ,
तेरे ख्वाबो के अंधेरे में डूबा हुआ मैं।
रुख़सत-ऐ-सफ़र बचा है मेरा ,
अलविदा! ज़रा वक्त का मारा हुआ मैं।-
इतनी सी ख्वाहिश ही तो बस दोलत की है,
जितना ख्वाबों में देखा बस हकीकत हो।-