शांत हो चुके हैं अब हवाएं लगता है राज कुछ गहरा है
बस एक ही बात का डर छाया रहता है हर पल कि कुछ बुरा ना मिल जाए-
Kitni khamosh raat hai dost
Na koi shor hai, na hi koi awaz,
Pata nahi age kya hoga, Kal ki agaz...!
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Khamoosh raat
teri e yaad
Mujhe keu jagaye sari raat.
Ja khirkhi se chad
Kar ussee baat
Sun dil ki dhun,karee meri yaad
O mahek teri taan ka kaha
Dekh jindaa hu tanha yeha.
Leke baho me mujhe ekbar
Maifuzz kar maifuz kar.
O hasi teri khone na de
Enn akho ko ronee na de
Sirf dekh le baas ek najar
Maifuzz kar maifuz kar.
Mai jo ji raha majburi hai
Kyu ki dil pe nam sirf teri hai
Leja dil mere eisaan kar
Maifuz kar maifuz kar
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अकेली रात बेहद खुबसूरत होती हैं
हां वो खामोश जरूर होती हैं
पर उसे किसी के छोड़ जाने का डर नहीं होता ।।-
Jb kbhi smjh na aaye ki kya kre or kya khe.. to bs khamosh raat me khamoshi se aasmaan ki tarf nam aankho se dekhe or lab pe halki si muskurahat rakhe ..phr kuch khne ki zarurat ni padegi quki Rab sb janta or smjhta hai❤
Phr dekhna dil ko kitna sukoon milta hai jaise hamne bht kuch kh diya ho wo bhi khamoshi se.-
खामोश ये रात हैं
ना किसी का साथ है,
ना किसी की याद है,
बस मन मे उठ रहे
अनगिनत सवालात है,
ना जाने मैं बुरा या मेरे
मेरे हालात हैं?
खामोश ये रात हैं
मन उठ रहे हैं, ऐसे ना जाने
कितने सवालात है...
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खामोश रात
खामोशी भरी रात आई है आज फिर एक बार
जागते हुए सोचने की रात आई है आज फिर एक बार
सुबह से शाम तक का सफर लाई है आज फिर एक बार
जाने कब से चुप थे हम ऐसे ही
आज बोलने की रात फिर आई है एक बार
ज़िंदगी की तलाश शुरू करने की बात आई है आज फिर एक बार
समझौते तो बहुत कर लिए हमने अब तक
आज नई शुरुआत करने की रात आई है फिर एक बार
शिकवे तो जिंदगी से हमेशा ही रहते हैं पर आज खुद को ढूँढने की बात आई है फिर एक बार
सफर जिंदगी का रुकता तो नही किसी के बिना
आज फिर अकेले चलने की रात आई है एक बार
काले बादलों के छटने से मन में खुशहाली आई है आज फिर एक बार
दिल की तमन्ना तो पूरी न हो सकी पर पूरा करने की आशा जागी है आज फिर एक बार।।-